
नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, रांची और बिहार समेत देश के कोने-कोने में रविवार को गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा धन-धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया।
इस पावन अवसर पर गुरुद्वारा साहिबों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। रांची स्थित कृष्णा नगर कॉलोनी गुरुद्वारा साहिब में सजाए गए विशेष दीवान की शुरुआत सुबह 7:40 बजे हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह द्वारा आसा दी वार कीर्तन से हुई। इसके बाद दीवान में सिख पंथ के प्रसिद्ध रागी जत्था भाई सुखप्रीत सिंह (लखनऊ वाले) सहित अन्य रागियों ने संगत को अमृतमयी कीर्तन सुनाकर निहाल किया।
सुबह 9 बजे से 10:45 बजे तक कीर्तन दरबार में भाई सुखप्रीत सिंह एवं अन्य रागियों ने “गुर राम दास राखो शरनाई…”, “संता के कारज आप खलोंया हर कम करावन आया राम…”, “सो सतगुर प्यारा मेरे नाल है…” और “हम बैठे तुम देहो असीसां…” जैसे कई अमृतमयी शब्दों का गायन कर वातावरण को आध्यात्मिक रस से सरोबार कर दिया।
दीवान का समापन सुबह 11:00 बजे हुआ, जिसमें श्री आनंद साहिब जी के पाठ, अरदास, हुकुमनामा और कढ़ाह प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर उपस्थित साध संगत ने गुरु घर में मत्था टेककर आशीर्वाद प्राप्त किया।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रकाश पर्व का संदेश मानवता, शांति, भाईचारा और प्रेम का है। देशभर में आयोजित इन दीवानों ने संगत को एक बार फिर गुरु साहिब की शिक्षाओं पर चलने का प्रेरणादायी संदेश दिया।