सक्षम अधिकारी को बिंदुवार गिनाई ऐप की खामियां
गोरखपुर (Rkpnews) प्रहरी ऐप को समाप्त करने की मांग को लेकर लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारों की जंग तेज होती जा रही है। ठेकेदारों ने इस ऐप की विसंगतियों को बिंदुवार गिनाते हुए मुख्य अभियंता से इसकी खामियों को अवगत कराया है और कहा है कि टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता का पालन करने के लिए इस ऐप को लागू किया गया । मगर यह पूरी तरह भ्रष्टाचार का जरिया बन गया है। मथुरा के ठेकेदार ओमप्रकाश सिंह के साथ हुई घटना इस बात का गवाह है।
प्रहरी ऐप की विसंगतियों को लेकर ठेकेदारों ने आदर्श पूर्वांचल ठेकेदार समिति के बैनर तले मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि अगर इस ऐप को समाप्त नहीं किया गया तो निर्माण कार्यों में धांधली और बढ़ेगी और लोक निर्माण विभाग में फिर दलाली प्रथा शुरू हो जाएगी।
आदर्श पूर्वांचल ठेकेदार समिति के अध्यक्ष शरद कुमार सिंह की अगुवाई में मुख्य अभियंता को दिए गए पत्र में ठेकेदारों ने कहा है कि इसी ऐप के जरिए मथुरा के ठेकेदार ओमप्रकाश सिंह के प्रपत्र से छेड़छाड़ की गई । उनकी आईडी हैक कर लिया गया। जिसकी वजह से उनकी निविदा निरस्त करने की नौबत आ गई ।ऐसे में इसकी जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए। गोरखपुर में निविदा सूचना संख्या 8136 द्वारा आमंत्रित 26 ग्रुप की निविदाओं में प्रहरी ऐप द्वारा किसी ने हैसियत प्रमाण पत्र अपलोड नहीं किया और न ही किसी ने चरित्र प्रमाण पत्र अपलोड किया था। फिर भी सभी निविदाएं रिस्पांसिबल मानी गई। इसी तरह अन्य कई निविदाओं में ऐप के जरिए ठेकेदारों के पुरे कागजातों की जांच नहीं हुई और जिन ठेकेदारों के कागजात अधूरे थे उन्हें भी रिस्पांसिबल मान लिया गया। ऐसे में यह सिद्ध होता है कि यह ऐप पूरी तरह बेकार है। इसे काम करने वाले ठेकेदारों को बाहर करने के लिए लागू किया गया है। जिसके चलते लोक निर्माण विभाग की गुणवत्ता प्रभावित होगी और मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति भी सवालों के घेरे में आ जाएगी। ठेकेदारों ने मुख्य अभियंता से इस ऐप की निष्पक्षता से जांच कराने की मांग की है।
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