पानी बढ़ जाने से किसान दियारों से हुए पलायन को मजबूर
–दियारों से भाग कर मवेशियों के साथ रिंग बंधा पर शरण लेने को विवश
सिकन्दरपुर /बलिया( राष्ट्र की परम्परा)
उफनाई सरयु नदी लगातार रौद्र रूप लेती जा रही है जिससे तटवर्ती गांवों के नागरिक दहशतजदा हैं।नदी पूरी तरह से दक्षिण की तरफ पलट कर बह रही है जिससे तटवर्ती गांवों के दियारों के निचले भागों में बाढ़ का पानी भर कर अब तेजी से ऊपरी भागों में फैलने लगा है।दियारों में रहने वाले किसानों के डेरे बाढ़ के पानी से घिरते जा रहे हैं और नदी के रूप को देख कर वे माल मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे हैं। अधिकांश किसान दियारा से भाग कर अपने मवेशियों के साथ बंधा पर शरण लिए हैं और जो बचे हैं वे भी सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी कर रहे हैं।हालत यह है कि दियारों में चारों तरफ पानी ही पानी दिखलाई पड़ रहा है जिससे आवागमन की कठिनाई गम्भीर हो गई है। इसके लिए किसानों को नव का सहारा लेना पड़ रहा है। धान सहित अन्य फसलें डूबती जा रही हैं ।किसान अपनी डूबती और बर्बाद होती फसल को देख कर छाती पीट रहे हैं उधर नदी का जल दियारों में खेतों में भरता जा रहा है जिससे नष्ट होने की आशंका से किसान ज्वार, बाजरा आदि की फसलें असमय खेतों से काट कर मवेशियों को खिलाने लगे हैं।यदि मवेशियों को नहीं खिलाएंगे तो फसलें स्वतः नष्ट हो जाएंगी।बाढ़ के पानी में धान के पौधे डूबते जा रहे हैं और पानी यदि दो चार दिन में नहीं हटा तो वे नष्ट हो सकते हैं ,जैसा कि किसानों ने बताया।किसानों ने यह भी बताया कि सब्जी की खेती चौपट हो गई है,पानी में डूबी अरहर,मूंगफली,कन्द आदि की फसलें नष्ट जाएंगी।
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