कन्हैया यादव
बघौचघाट/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा) पथरदेवा विकास खंड क्षेत्र अंतर्गत मेंदीपट्टी धाम स्थित श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय शिव शक्ति महायज्ञ के चौथे दिन शुक्रवार की रात विश्व प्रसिद्ध सलेमपुर संगम के कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया गया।रंगमंच पर कलाकारों के मंचन देख दर्शक भाव विभोर हो गए। सभी ने जय श्रीराम और जय हनुमान के जयकारे लगाए। मंचन के दौरान सबरी राम की राह निहार रही है प्रभु राम के दर्शन के लिए…राम आते है। सबरी प्रेम से बेर चख चख प्रभु को खाने के लिए देती है,जिस पर लक्ष्मण क्रोधित हो जाते है। राम कहते प्रेम में कोई बड़ा या छोटा नही होता। लक्ष्मण बेर फेक कर देने है। राम कहते है तुम परमात्मा का अपमान कर रहे हो। लक्ष्मण क्षमा मांगते है। इस प्रकार राम सबरी के मीठे बेर को खाते है। फिर सबरी दक्षिण दिशा में जाने और सुग्रीव से मित्रता की बात बताई। राम ने सबरी के आग्रह पर नवधा भक्ति का उपदेश देते है।आगे जाने पर उनकी हनुमान और सुग्रीव से मित्रता हो जाती है। सुग्रीव भगवान राम को अपने भाई के द्वारा किए गए अत्याचारों से अवगत कराते है। भगवान राम के कहने पर सुग्रीव अपने बड़े भाई बाली को युद्ध करने के लिए ललकारता है। प्रथम बार में सुग्रीव बाली से हार कर चला आता है। इससे भगवान राम सुग्रीव को दोबारा युद्ध करने के लिए भेजते हैं। दूसरी बार पेड़ की आड़ में छिपकर बाली का वध कर देते हैं। उसके बाद कलाकारों ने दिखाया कि लंका पहुंचने पर हनुमान विभीषण के पास जाते हैं। वह उन्हें माता सीता के अशोक वाटिका में रखे जाने की जानकारी देता है। माता सीता से भेंट के दौरान हनुमान उन्हें प्रभु राम की निशानी अंगूठी देते हैं। भूख लगने पर वह सीता की आज्ञा पाकर अशोक वाटिका में जाकर भरपेट फल खाते हैं। जब राक्षस उन्हें रोकते हैं तो वे उनका वध कर देते हैं। रावण का छोटा पुत्र अक्षय कुमार हनुमान के हाथों वीरगति को प्राप्त होता है। रावण क्रोधित होकर हनुमान की पूछ में आग लगाने का आदेश देते है। हनुमानजी अपना पराक्रम दिखाते हुए उसी जलती हुई पूछ से लंका को आग लगाकर दहन कर राम जी के पास आते है।इस दौरान महामंडलेश्वर सोमेश्वर यति जी महाराज, कथावाचक डा श्यामसुंदर पाराशर महाराज,अध्यक्ष सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव,पूर्व प्रधानाचार्य मधुसूदन मणि त्रिपाठी, गीता श्रीवास्तव,प्रिया श्रीवास्तव,देवेंद्र लाल श्रीवास्तव,गणेश मिश्र,प्रभुनाथ तिवारी,राजेंद्र राय,विशाल श्रीवास्तव,उपेंद्र लाल श्रीवास्तव,आलोक राय,टुनटुन बाबा, बृजेश पांडेय,विजय दास,अतुल श्रीवास्तव,संजय दूबे, पुजारी पं आचार्य राजू मिश्र,उमेश यादव,परमेश मिश्रा, राजन लाल श्रीवास्तव, विवेक राय,पत्रकार राजू प्रसाद श्रीवास्तव,राजीव प्रसाद, सुजीत यादव,मुकेश यादव,भीम यादव,रमेश शाह,हरिकेश लाल श्रीवास्तव,राजू राय,जय प्रकाश राय,प्रमोद दूबे,रत्नेश यादव,रामाशीष मौर्य,लक्ष्मी कांत शुक्ला,वशिष्ठ राय, अमरनाथ शुक्ल आदि लोगों ने रामलीला देख भाव विभोर हुए।
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