Monday, October 13, 2025
HomeUncategorizedअंतर्राष्ट्रीय खबरेकैलिफोर्निया में तेलंगाना के छात्र मोहम्मद निजामुद्दीन की पुलिस गोलीबारी में मौत

कैलिफोर्निया में तेलंगाना के छात्र मोहम्मद निजामुद्दीन की पुलिस गोलीबारी में मौत

हैदराबाद/सांता क्लारा (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)।तेलंगाना के 30 वर्षीय छात्र और सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल मोहम्मद निजामुद्दीन की अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के सांता क्लारा में पुलिस की गोलीबारी में मौत हो गई। यह घटना 3 सितम्बर को हुई थी, लेकिन परिवार को इसकी जानकारी दो हफ्ते बाद 18 सितम्बर को मिली। मृतक महबूबनगर जिले का रहने वाला था।

सांता क्लारा पुलिस डिपार्टमेंट (SCPD) के अनुसार, कॉल आई थी कि एक घर में चाकूबाजी हुई है।
कॉल करने वाले ने बताया कि आरोपी ने अपने रूममेट पर चाकू से हमला किया।
मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी से मुठभेड़ की।
इस दौरान पुलिस ने गोली चलाई, जिससे मोहम्मद निजामुद्दीन गंभीर रूप से घायल हो गया।

इसे भी पढ़ें – https://rkpnewsup.com/gaza-war-israel-intensifies-crackdown-humanitarian-organizations-warn-of-famine/
उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
घायल रूममेट का अस्पताल में इलाज जारी है।
घटनास्थल से दो चाकू बरामद किए गए।
सांता क्लारा की पुलिस प्रमुख कोरी मॉर्गन ने बताया कि रूममेट्स के बीच झगड़ा हिंसक हो गया था। पुलिस के पहुंचने तक एक व्यक्ति चाकू से घायल हो चुका था। जब पुलिस अंदर गई तो निजामुद्दीन कथित तौर पर चाकू लिए हुए था और दोबारा हमला करने की धमकी दे रहा था। मॉर्गन ने कहा,

“शुरुआती जांच के मुताबिक, अधिकारी की कार्रवाई ने और अधिक नुकसान होने से बचाया और कम से कम एक जान बच गई।”
महबूबनगर निवासी निजामुद्दीन के पिता मोहम्मद हुसैनुद्दीन, जो रिटायर्ड टीचर हैं, ने बताया कि उन्हें यह जानकारी 18 सितम्बर को कर्नाटक के रायचूर में रहने वाले अपने बेटे के दोस्त से मिली, जो सांता क्लारा में ही रहता है। पिता का कहना है,
“हमें सिर्फ अपने बेटे का पार्थिव शरीर घर लाना है और उसका अंतिम संस्कार करना है।”
परिवार घटना की देरी से मिली आधिकारिक सूचना को लेकर गहरे सदमे में है।
शिक्षा और करियर
निजामुद्दीन 2016 में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए थे।
फ्लोरिडा कॉलेज से एमएस पूरा करने के बाद सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल के तौर पर नौकरी शुरू की।
प्रमोशन के बाद वह कैलिफोर्निया शिफ्ट हो गए थे।
समुदाय के नेता और स्थानीय प्रतिनिधि अब विदेश मंत्रालय से अमेरिकी अधिकारियों के साथ इस मामले पर बातचीत कर रहे हैं, ताकि पार्थिव शरीर भारत लाने की प्रक्रिया तेज की जा सके और घटना की पारदर्शी जांच हो।

EDIT INTO SEO FRIENDYL

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments