मऊ ( राष्ट्र की परम्परा ) डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने तहसीलों में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कलेक्ट्रेट पुस्तकालय भवन में चल रही बैठक में डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विद्यानिधि उपाध्याय ने दो टूक चेतावनी दी कि अगर भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो पूरे मंडल को बंद कर आंदोलन किया जाएगा।
इससे पहले अधिवक्ता रितेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “अब सम्मान से कोई समझौता नहीं होगा। आंदोलन अब निर्णायक होगा।”
आंदोलन के केंद्र में वरिष्ठ अधिवक्ता कालिकदत्त पाण्डेय ने कहा कि “याचना नहीं अब रण होगा, संग्राम बड़ा भीषण होगा।”
अधिवक्ता अतुल राय ने कहा कि तहसीलों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसा अभियान चलाने की जरूरत है ताकि भ्रष्टाचार की जड़ें उखाड़ी जा सकें। अधिवक्ता सतिराम यादव ने आरोप लगाया कि कानून को ताक पर रखकर मनमाने निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे आम जनता को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
विशेष रूप से घोसी के एसडीएम अभिषेक गोस्वामी, तहसीलदार शैलेन्द्र सिंह और मधुबन के एसडीएम अखिलेश सिंह यादव के खिलाफ अधिवक्ताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि तहसीलों में प्राइवेट व्यक्तियों के जरिए अवैध वसूली कराई जा रही है। पत्रावलियों में बिना साक्ष्य, बहस और कार्यवाही किए आदेश में फाइलें ले ली जा रही हैं।
बार एसोसिएशन ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर जल्द एसडीएम घोसी अभिषेक गोस्वामी, तहसीलदार शैलेन्द्र सिंह और मधुबन के एसडीएम अखिलेश सिंह यादव का तबादला नहीं हुआ तो यह आंदोलन जिले से निकलकर मंडल स्तर तक पहुंचेगा और तहसीलों का कामकाज पूरी तरह ठप कर दिया जाएगा।
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