नई दिल्ली(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) देशभर के लाखों शिक्षकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ किया है कि अब शिक्षकों को अपनी नौकरी में बने रहने और प्रमोशन पाने के लिए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना अनिवार्य होगा। इसके लिए शिक्षकों को दो साल की समय-सीमा दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिन शिक्षकों की सर्विस में 5 साल से ज्यादा का समय शेष है, उन्हें TET पास करना ही होगा। यदि वे निर्धारित समय-सीमा में परीक्षा पास करने में असफल रहते हैं तो उन्हें या तो इस्तीफा देना होगा या फिर कंपल्सरी रिटायरमेंट लेना होगा।

वहीं, जिन शिक्षकों की नौकरी में सिर्फ 5 साल या उससे कम समय बचा है, उन्हें परीक्षा से राहत दी गई है, लेकिन ऐसे शिक्षक प्रमोशन के लिए पात्र नहीं होंगे।

इस फैसले से लाखों शिक्षकों की स्थिति सीधे प्रभावित होगी। कोर्ट का मानना है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने और शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला शिक्षा जगत में जवाबदेही और दक्षता बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।