जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब - राष्ट्र की परम्परा
August 18, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय लेते समय केंद्र शासित प्रदेश की ज़मीनी हकीकत को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। अदालत ने स्पष्ट किया कि पहलगाम हमले जैसी घटनाओं को भी ध्यान में रखना आवश्यक है।

मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने यह टिप्पणी करते हुए कहा—

“आपको ज़मीनी हकीकत को भी ध्यान में रखना होगा; आप पहलगाम में जो हुआ है, उसे नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।”

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि राज्य का दर्जा बहाल करने जैसे मामलों में कई पहलुओं पर विचार करना पड़ता है।

आठ सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाई

यह याचिका शिक्षाविद ज़हूर अहमद भट और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता अहमद मलिक द्वारा दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इस पर जवाब मांगा है और मामले को आठ सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। भट की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने जल्द सुनवाई की मांग की, जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह विषय संसद और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है।

अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट का पिछला फैसला

11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था। इस अनुच्छेद के तहत पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त था। साथ ही अदालत ने आदेश दिया था कि केंद्र शासित प्रदेश में सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराए जाएँ और राज्य का दर्जा “जल्द से जल्द” बहाल किया जाए।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर केंद्र को दो महीने के भीतर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।