Friday, October 17, 2025
HomeUncategorizedसेवानिवृत्त न्यायाधीशों का बयान: अमित शाह की टिप्पणी को बताया ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’

सेवानिवृत्त न्यायाधीशों का बयान: अमित शाह की टिप्पणी को बताया ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’

नई दिल्ली(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) सलवा जुडूम फैसले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी पर की गई टिप्पणी पर अब न्यायपालिका के पूर्व दिग्गजों ने नाराजगी जताई है। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर समेत 18 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के समूह ने शाह की टिप्पणी को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया है।

न्यायाधीशों के इस समूह ने अपने साझा बयान में कहा,
‘‘सलवा जुडूम मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले की सार्वजनिक रूप से गलत व्याख्या करने वाला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। यह फैसला न तो प्रत्यक्ष और न ही निहितार्थों में नक्सलवाद या उसकी विचारधारा का समर्थन करता है।’’

बयान में यह भी कहा गया कि किसी उच्च राजनीतिक पदाधिकारी द्वारा शीर्ष अदालत के फैसले की ‘‘पूर्वाग्रहपूर्ण गलत व्याख्या’’ से न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है और इससे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों पर नकारात्मक असर पड़ने का खतरा है।

बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ए. के. पटनायक, न्यायमूर्ति अभय ओका, न्यायमूर्ति गोपाल गौड़ा, न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर सहित कुल 18 सेवानिवृत्त न्यायाधीश शामिल हैं।

गौरतलब है कि शाह ने बीते शनिवार को केरल में कहा था,
‘‘सुदर्शन रेड्डी वही व्यक्ति हैं जिन्होंने नक्सलवाद की मदद की। उन्होंने सलवा जुडूम पर फैसला सुनाया। अगर सलवा जुडूम पर फैसला नहीं सुनाया गया होता, तो नक्सली चरमपंथ 2020 तक खत्म हो गया होता।’’

इस बयान को लेकर अब न्यायिक बिरादरी से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है और इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाला कदम बताया गया है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments