
लखनऊ।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) राज्य कर विभाग में 28 करोड़ रुपये की कंप्यूटर-प्रिंटर खरीद में गड़बड़ियों की शिकायतों के बाद शासन ने पूरी प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है। प्रमुख सचिव राज्य कर के निर्देश पर की गई गोपनीय जांच में सामने आया कि कुछ खास फर्मों को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर में विशेष क्लॉज जोड़े गए थे। जांच में इन फर्मों और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत भी उजागर हुई है।
राज्य कर विभाग में कंप्यूटर और प्रिंटरों की कमी दूर करने के लिए पिछले वर्ष प्रत्येक जोन को 20-20 लाख रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन उसमें भी गड़बड़ी की कई शिकायतें सामने आई थीं। शासन स्तर पर अब इस प्रकरण की गहन जांच आगे बढ़ाई जाएगी।
इधर, प्रदेश सरकार औद्योगिक क्षेत्रों में यूनिफाइड बिल्डिंग बायलॉज लागू करने की तैयारी कर रही है। अभी तक यह व्यवस्था नगर निगमों और विकास प्राधिकरणों तक सीमित है। औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में लागू होने पर अवैध निर्माण को एक सीमा तक वैध मानने, भवन ऊंचाई और सड़क चौड़ाई के आधार पर निर्माण नियमों में छूट जैसी व्यवस्थाएं उद्यमियों को बड़ी राहत देंगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से न केवल औद्योगिक जमीन की कमी दूर होगी बल्कि छोटे उद्यमियों को भी आसानी से भूखंड उपलब्ध हो सकेंगे। इससे प्रदेश में औद्योगिक निवेश और रोजगार के अवसरों में वृद्धि की संभावना है।