
पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। राज्य में कारागार सुविधाओं को आधुनिक और मजबूत बनाने की दिशा में बिहार सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। बक्सर स्थित सेंट्रल जेल परिसर के बाहर विदेशी नागरिकों के लिए विशेष जेल का निर्माण किया जाएगा। इस जेल में केवल विदेशी महिला और पुरुष कैदियों को रखा जाएगा। इसके निर्माण के लिए लगभग 5.58 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने बुधवार को गृह (कारा) विभाग से स्वीकृत योजनाओं की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में उन्होंने 22 जिलों के केंद्रीय कारा एवं उपकारा में चल रहे नए भवनों के निर्माण कार्य में गति लाने का निर्देश दिया।
इन जिलों में हो रहा निर्माण कार्य
आरा, औरंगाबाद, बेतिया, बांका, भभुआ, भागलपुर, बक्सर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना, गया, मधेपुरा, लखीसराय, किशनगंज, मधुबनी, मोतिहारी, नवादा, पूर्णिया, सहरसा, शिवहर, सीवान और सुपौल में नए जेल भवनों का निर्माण हो रहा है। इनमें नई बैरक, अधीक्षक आवास, कक्षपाल बैरक, चाहरदीवारी, शौचालय और स्नानागार शामिल हैं।
दरभंगा मंडल कारा, बेनीपुर उपकारा, बक्सर, केंद्रीय कारा मोतिहारी और कैमूर में 198-198 कैदियों की क्षमता वाली नई बैरक बनाई जा रही है। वहीं, बगहा में कक्षपाल बैरक का कार्य प्रगति पर है।
भीड़भाड़ घटाने में मदद
बक्सर की विशेष जेल विदेशी कैदियों के लिए सुरक्षित और अलग सुविधा प्रदान करेगी, जिससे अन्य जेलों में भीड़भाड़ कम होगी। सरकार का यह कदम न केवल जेल व्यवस्था को अधिक संगठित और सुरक्षित बनाएगा, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
सरकार का उद्देश्य है कि बिहार की जेलें आधुनिक सुविधाओं से युक्त हों और कैदियों के पुनर्वास के लिए बेहतर माहौल तैयार किया जा सके।
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