
खोया हुआ धन, खोया हुआ ज्ञान,
खोयी सेहत फिर लौट सकते हैं,
खोया समय लौट नहीं सकता है,
जिसका जीवन में महत्व होता है।
पाप करना तो निःसंदेह बुरा होता है,
उससे बुरा पुण्य का अहंकार होता है,
हाँ, पाप से घृणा करना बुरा होता है,
पर पापी को पाप से बचाना होता है।
जीवन में रिश्ते बना लेना तो उधार
माँगने व लेने जैसा सरल होता है,
परंतु दुनिया में रिश्ते निभाना उधार
वापस देने जैसा बड़ा कठिन होता है।
गलती स्वीकार करने का साहस और
सुधरने का हौसला जब आ जाता है,
तभी इंसान बहुत कुछ सीख लेता है,
औरों को सुधारना सबको आता है।
हमें हृदय में दीवार नहीं, खुला द्वार
ज़रूर बनाकर रखना चाहिये ताकि
अपनों का आना-जाना चलता रहे,
जीवन रूपी इंद्रधनुष खिलता रहे।
जीवन में हर राह पर सही दिशा
का ज्ञान बड़ा महत्वपूर्ण होता है,
जब दिशा सही मिल जाती है तब
प्रगति धार अपने आप बढ़ जाती है।
परिस्थितियों,अनुभव से मिला ज्ञान,
आदित्य आजीवन सही शिक्षा देता है,
हर व्यक्ति कुछ न कुछ शिक्षा देता है,
हर स्थिति से कुछ तो ज्ञान मिलता है।
- कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
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