November 21, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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ऐसे ही डॉक्टर को भगवान का दर्जा नहीं देते हैं इसके पीछे होते डॉक्टर इमाम हुसैन जैसे डॉक्टर एवं टीम

बृजेश मिश्र के साथ / खबर आंखों देखी
भाटपार रानी देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)ऐसे ही समाज के लोग /आम जनमानस अपने डाक्टर को भगवान का दर्जा नहीं दे देते हैं। बल्कि इसकी पीछे होती है डाक्टर एवं पूरे टीम की कड़ी मेहनत एक बड़ी सोंच जिसके लिए वे निरन्तर काम कर रहे होते हैं।

स्थान भाटपार रानी विभाग स्वास्थ्य (पीएचसी) दस सितंबर की देर रात हुआ था, केंद्र पर तैनात डाक्टर इमाम हुसैन एवं टीम के कर्मचारी/अधिकरी डाक्टर तैनात मिलते हैं। वहीं आखिर डाक्टर भगवान कैसे कहलाते हैं इसकी भी एक ऐसी ही बानगी देखने को तब मिलती है।जब भाटपार रानी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डाक्टर इमाम हुसैन एवं उनके टीम के कर्मचारी अधिकरी। से खबर आंखों देखी टीम के लोग रूबरू हुए। जिनमें पत्रकारों की टीम भी शामिल रहे पत्रकार प्रमोद गुप्ता, पत्रकार बृजेश मिश्र, पत्रकार सुरेश हैं जो मिलते हैं। आखिर कैसे कहलाते हैं डाक्टर भगवान इसकी बानगी देखने को मिली।
जब देर रात को शरीर से विकलांग मैली साड़ी में एक गरीब बूढ़ी मां उम्र करीब 60 वर्ष नाम सुखा देवि पत्नी स्वर्गीय शिव बरन ग्राम बहियारि बघेल जिन्हें कुल छः सन्तान हैं। जिनमें विजय, रमेश, प्रकाश, भोला, राजू, एवं बेटी गीता सामिल हैं। इनका कहना है उनके घर वाले उन्हें निकाल दिए हैं। वहीं वह एक विकलांग होने के साथ साथ वयोवृद्ध महिला हैं जिन्हें सरकारी विकलांग एवं वृद्धा पेंशन मिलना चाहिए किन्तु ग्राम पंचायत सेक्रेटरी/प्रधान की लापरवाही से कोइ सरकारी विकलांग सुविधा उपल्ब्ध नहीं कराया गया है। वह अपना तबियत खराब की शिकायत लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भाटपार रानी पर पहुंची हैं। पत्रकार बृजेश मिश्र द्वारा पूछा जाता है माता जी आप का नाम क्या है तब किसी तरह खुद का नाम कानों में सुखा देवि एवं ग्राम वहियारी बताती हैं। डॉक्टर के द्वारा बोला जाता है अम्मा आपका क्या तकलीफ है फिर वह खुद को बुखार से पीड़ित एवं अन्य समस्या बताती हैं वहीं डाक्टर इमाम हुसैन एवं टीम के लोग जरूरी एवं आवश्यक दवाएं दे देते हैं। बूढ़ी एवं लाचार विकलांग महिला के हाथों में डॉक्टर साहब की टीम द्वारा आर्थिक मदद स्वरूप कुछ नकद मुद्रा भी दी जाती जिसे देखकर आंखों देखी की पूरी पत्रकार टीम भावुक हो जाती है।सभी बोल पड़ते हैं ऐसे ही नहीं डॉक्टर को भगवान का दर्जा देती है आम जनमानस । बल्कि इसके पीछे होते हैं डॉक्टर इमाम हुसैन जैसे डॉक्टर एवं उनके टीम जैसे लोग।