
लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा)। राज्य सरकार ने शिक्षा से वंचित बच्चों को दोबारा मुख्यधारा में लाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। 1 अगस्त से प्रदेश भर में एक विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसके अंतर्गत 7 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को फिर से स्कूल से जोड़ा जाएगा। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए “शारदा कार्यक्रम” की शुरुआत की जा रही है।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उन बच्चों की पहचान करना है, जो किसी कारणवश स्कूल से बाहर हो गए हैं या कभी विद्यालय नहीं जा सके। इन्हें पुनः शिक्षा की मुख्यधारा में लाकर उनकी आयु और शैक्षिक योग्यता के अनुसार उचित कक्षा में प्रवेश दिलाया जाएगा।
1 अगस्त से विशेष अभियान की शुरुआत।,7 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाएगा।,‘शारदा कार्यक्रम’ के अंतर्गत होगा प्रवेश।,बच्चों को उनकी उम्र और समझ के अनुसार उचित कक्षा में दाखिला।शिक्षा विभाग, ग्राम पंचायतें, स्थानीय निकाय और स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर चलाएंगी मुहिम।
शिक्षा विभाग ने संबंधित जिलाधिकारियों और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अभियान को हर ब्लॉक और पंचायत स्तर पर प्रभावी रूप से चलाया जाए। ग्राम प्रधानों, आशा कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सेविकाओं की मदद से ऐसे बच्चों की सूची बनाई जाएगी, जो स्कूल से बाहर हैं।
क्या है शारदा कार्यक्रम?
“शारदा” (Special Training for Out-of-School Children for Admission and Retention) एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसके माध्यम से वंचित बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया जाता है। इसमें न केवल उनका दाखिला कराया जाता है, बल्कि आवश्यकता अनुसार उन्हें विशेष शिक्षण सामग्री और सहयोग भी उपलब्ध कराया जाता है, ताकि वे सहजता से शैक्षणिक माहौल में ढल सकें।
राज्य सरकार का मानना है कि शिक्षा का अधिकार सिर्फ एक संवैधानिक प्रावधान नहीं, बल्कि समाज के हर बच्चे के उज्जवल भविष्य की नींव है। इस अभियान के माध्यम से हजारों बच्चों को फिर से स्कूल की दहलीज तक लाना लक्ष्य है।
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