
गुजरात की वाडीनार रिफाइनरी से लेकर देशभर के पेट्रोल पंपों तक नायरा का विस्तार, ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम
नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा) यूरोपीय यूनियन (EU) द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद रूस की सबसे बड़ी तेल कंपनी रोसनेफ्ट ने भारत में एक अभूतपूर्व निवेश का ऐलान किया है। रोसनेफ्ट के स्वामित्व वाली नायरा एनर्जी भारत में करीब 70,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है, जो कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
नायरा एनर्जी, जिसे पहले एस्सार ऑयल के नाम से जाना जाता था, आज गुजरात के वाडीनार में स्थित अपनी रिफाइनरी के जरिए भारत की ऊर्जा आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह रिफाइनरी सालाना 2 करोड़ टन कच्चे तेल को संसाधित करने की क्षमता रखती है।
यूरोपीय संघ को दो टूक जवाब
यूरोपीय यूनियन ने रूस और उसकी तेल कंपनियों पर एकतरफा आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे, जिनके तहत नायरा एनर्जी भी आ गई। लेकिन भारत में नायरा का यह नया निवेश न सिर्फ ईयू को करारा जवाब है, बल्कि भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में अधिक आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर भी साबित होगा।
देशभर में मौजूदगी
नायरा एनर्जी के देशभर में 6,800 से अधिक फ्यूल आउटलेट हैं, जो इसे भारत के सबसे बड़े फ्यूल रिटेल नेटवर्क में से एक बनाते हैं। कंपनी देश की कुल रिफाइनिंग क्षमता का 8% और फ्यूल रिटेल नेटवर्क का 7% हिस्सा अपने नियंत्रण में रखती है।
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर
विशेषज्ञों के अनुसार, यह निवेश न केवल रोजगार सृजन करेगा बल्कि भारत की तेल आपूर्ति श्रृंखला को और भी मज़बूत बनाएगा। अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच भारत की रणनीतिक साझेदारी और दीर्घकालिक ऊर्जा योजनाओं को यह कदम और अधिक मजबूती प्रदान करेगा।
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