
नई दिल्ली(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) लोकसभा में सोमवार को विपक्षी दलों के हंगामे के चलते कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) समेत कुछ मुद्दों को लेकर विपक्षी सांसदों ने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नाराज़गी जताते हुए विपक्षी सांसदों को कड़ी चेतावनी दी।
अध्यक्ष बिरला ने कहा कि सांसद जिस तीव्रता से नारे लगाते हैं, यदि उसी तीव्रता से सवाल पूछें तो देश की जनता का भला होगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनता ने सांसदों को सरकारी संपत्ति नष्ट करने के लिए नहीं भेजा है, और अगर कोई सदस्य ऐसा करने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।
ओम बिरला ने कहा “अगर आप सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेंगे, तो मुझे कठोर कदम उठाने होंगे और देश की जनता सब देख रही है। कई विधानसभाओं में ऐसी घटनाओं के लिए कार्रवाई हुई है, इसलिए मैं आपको चेतावनी देता हूँ कि सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुँचाएँ।”
विधेयकों की प्रस्तुति के बीच हंगामा
सदन की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोपहर 12 बजे फिर शुरू हुई। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने शोर-शराबा जारी रखा। हंगामे के बीच वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया, जिसे बाद में प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव मंजूर किया गया। इसके बाद शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय प्रबंध संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 सदन में प्रस्तुत किया।
पीठासीन सभापति संध्या राय ने विपक्षी सांसदों से शून्यकाल चलने देने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहने पर सदन की कार्यवाही महज पाँच मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
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