Thursday, October 16, 2025
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आरएसएस ने मनाया विजयादशमी उत्सव, किया पथ संचलन

शक्ति की उपासना ही संघ की स्थापना का मूल उद्देश्य: डा०पृथ्वीराजसंघ के मूल में समाज का सर्वांगीण विकास: डा. पृथ्वीराज

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा) कोई भी राष्ट्र तब तक विकास पथ पर अग्रसर नहीं होता जब तक उस राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक का सर्वागींण विकास नहीं हो जाता। संघ अपने स्थापना काल से ही स्वयंसेवकों के सहारे राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक का शारीरिक, सामाजिक एवं बौद्धिक विकास पर ही ध्यान देता आ रहा है। उक्त वक्तव्य विजयादशमी उत्सव पर आरएसएस गोरक्ष प्रान्त के प्रान्त संघचालक डा०पृथ्वीराज ने स्वयंसेवक गण को सम्बोधित करते हुए कही। कल बुधवार को संघ ने टाउनहाल के प्रेक्षागृह में विजयदशमी उत्सव धूम धाम से मनाया। इस अवसर पर संघ ने पथ संचलन भी निकाला। बतौर मुख्य वक्ता डा०पृथ्वीराज ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना विजयादशमी के दिन ही हुई थी। संघ इस दिन को शक्ति की उपासना के रूप में मनाता है, यह जानना चाहिए कि सन 1925 में विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना होने पर भी आरएसएस स्व स्थापना दिवस नहीं मनाता, बल्कि विजयादशमी उत्सव ही प्रमुखता से मनाता आया है और उसमे शक्ति की उपासना, शस्त्र पूजन करता है।

उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना के पहले जो हिन्दू अपने आप को हिन्दू कहने मात्र से ही डर जाता था, आज संघ की शक्ति पाकर गर्व से अपने आप को हिन्दू कहता है। शक्ति की उपासना ही संघ की स्थापना का मूल उद्देश्य है। यही शक्ति जब सज्जन, देशभक्तों के हाथों में होती है तो वह शोभा देती है, और जब दुष्ट व देशद्रोहियों के हाथों में चली जाती है तो समाज में भय उत्पन्न होता है।
संघ अपने स्थापना काल से ही राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक के शारीरिक, सामाजिक एवं बौद्धिक विकास पर ही ध्यान दे रहा है जिससे लोग संस्कारवान व अनुशासित बने और यह भारत वर्ष पुनः विश्वगुरु के सिंहासन पर आसीन हो। संघ की शाखा व संघ की शिक्षा हमें संस्कार देती है जो देश के लिए मर मिटने का जज्बा पैदा करती है। अगर संघ को समझना है तो पहले संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को समझना होगा कि कैसे एक गरीब ब्राहाण के घर पैदा हुए बच्चे ने राष्ट्र के लिए विश्व के सबसे बड़े अनुशासित संगठन को खड़ा कर दिया।

बताया कि हिन्दू समाज अपने सनातन काल से अहिंसक रहा है, और कोई ताकत हिन्दुओं को हिंसा के प्रति प्रेरित नहीं कर सकती। हिन्दू समाज की एकता ही देश को एक सूत्र में बांध सकती है।

संघ के संस्थापक डॉ०केशव बलिराम हेडगेवार ने कहा था कि संघ का जन्म व्यक्ति व्यक्तित्व के निर्माण, उसके सामाजिक उत्थान, राष्ट्र निर्माण उसके उत्थान हेतु हुआ है। जिसका मूल उद्देश्य भारतीय संस्कृति और नागरिक समाज के मूल्यों को बनाए रखने के आदर्शों को बढ़ावा देना है।

कार्यक्रम के अंत में मौसम खराब होने के बावजूद भी बारिश में ही स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में पथ संचलन निकाला। पथ संचलन टाउन हॉल से प्रारंभ होकर डीएम आवास होते हुए कोतवाली रोड, जलकल रोड, मेडिकल कॉलेज रोड, कचहरी चौराहा होते हुए राघव नगर, हनुमान मंदिर होते हुए रामलीला मैदान और पुनः टाउन हॉल पर आकर समाप्त हो गया। इस दौरान प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।


उत्सव की अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य महिला डिग्री कॉलेज दिवाकर मणि त्रिपाठी ने, एकल गीत मोहन ने प्रस्तुत किया।कार्यक्रम में सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी, राजधारी, नगर संघचालक नमो नारायण, नगर कार्यवाह राजेश, नगर प्रचारक अंचल, मुख्य शिक्षक आदित्य नारायण, जिला बौद्धिक प्रमुख राधारमण, पुष्पराज, डा०मकसूदन मिश्र, अवनीश, सत्येन्द्र मणि, मोहन, रामसमुझ, आनन्द तिवारी, डा०विवेक, डा.हेमन्त, रामबरन, आशुतोष, विनोद पाण्डे, दिनेश, रविशंकर, नितेश, संतोष शुक्ल, ज्ञान, भाजपा नेता पूर्व विधायक सत्यप्रकाश मणि, नित्यानंद पाण्डेय, अजय शाही, अजय दुबे, आदि उपस्थित रहे।

भाजपा नगर के कार्यकर्ताओं ने पथ संचलन का किया स्वागत*
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा) राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सुबह 10:00 बजे देवरिया टाउन हॉल से कई सौ की संख्या में घोड़ों व गाजे-बाजों के साथ शहर के विभिन्न स्थानों मालवीय रोड से होते हुए भटवालिया चौराहा, पुलिस लाइन,जलकल रोड होते हुए पुनः टाउन हॉल आकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा पथ संचलन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। उपरोक्त क्रम में पथ संचलन कार्यक्रम के दौरान भाजपा नगर मण्डल के कार्यकर्ताओं ने सुभाष चौक पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इस दौरान नपाध्यक्ष अलका सिंह, संजय पाण्डेय, राजेन्द्र मल्ल, अजय दुबे, अम्बिकेश, रामअशीष प्रसाद, दुर्गेशनाथ त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।

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