नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आज भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) घोटाले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय करने की अनुमति दे दी है। इस फैसले को बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लालू परिवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सीबीआई द्वारा की जा रही जांच में लालू और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार और साजिश रचने के गंभीर आरोप पाए गए हैं। इसके आधार पर कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में आरोप तय किए हैं।
राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी और साजिश के आरोप आईपीसी की धारा 420 और 120बी के तहत लगाए गए हैं। इस मामले में आरोप है कि आईआरसीटीसी के होटलों के रखरखाव के ठेके लालू यादव से जुड़ी एक बेनामी कंपनी को तीन एकड़ कीमती जमीन के बदले में दिए गए थे।
सीबीआई ने 7 जुलाई 2017 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी और लालू परिवार से जुड़े पटना, नई दिल्ली, रांची और गुरुग्राम के 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई का कहना है कि आरोप तय करने के लिए उनके पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। वहीं लालू यादव के वकील का तर्क है कि इस मामले में मुकदमा चलाने का कोई वैधानिक आधार नहीं है।
कोर्ट द्वारा आरोप तय किए जाने के बाद लालू प्रसाद यादव ने कहा, “मैं दोषी नहीं हूं।” जबकि राबड़ी देवी ने स्पष्ट किया, “मैं किसी साजिश या धोखाधड़ी में शामिल नहीं हूं।”
यह मामला न सिर्फ बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में हलचल पैदा कर रहा है, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजद के लिए नई चुनौतियां भी खड़ी कर रहा है।
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