Tuesday, October 14, 2025
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रोहिणी आचार्य का फेसबुक वार, संजय यादव पर निशाना – तेजस्वी की छवि पर संकट

पटना।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार में लंबे समय से दबा विवाद अब सार्वजनिक रूप से सामने आ गया है। पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय यादव के खिलाफ चल रहा असंतोष खुलकर सामने आया, जब लालू प्रसाद की छोटी बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट साझा किया। इस पोस्ट ने न केवल परिवार के भीतर तनाव को और हवा दी है, बल्कि राजद और खासतौर पर विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की राजनीतिक छवि और विधानसभा चुनावों की संभावनाओं पर भी असर डालने की आशंका जताई जा रही है।

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रोहिणी द्वारा साझा की गई पोस्ट पटना निवासी आलोक कुमार ने लिखी थी। इसमें संजय यादव की एक तस्वीर है, जिसमें वे एक छोटी बस की अगली सीट पर बैठे दिखाई दे रहे हैं। यह बस वैनिटी वैन के रूप में तैयार की गई है, जिसका इस्तेमाल तेजस्वी यादव अपनी “बिहार अधिकार यात्रा” के दौरान कर रहे हैं। पोस्ट में तीखे शब्दों में लिखा गया है—“आगे की सीट हमेशा शीर्ष नेता के लिए होती है और उनकी अनुपस्थिति में भी कोई उस पर नहीं बैठ सकता। लेकिन अगर कोई खुद को शीर्ष नेतृत्व से ऊपर समझता है तो यह अलग बात है।” आगे कहा गया कि पूरा बिहार लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को उस सीट पर देखने का आदी है, किसी और को वहां देखना अस्वीकार्य है।

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हालांकि यह तस्वीर किस तारीख को खींची गई थी, यह स्पष्ट नहीं है, मगर तेजस्वी ने 16 सितंबर से पांच दिवसीय बिहार अधिकार यात्रा की शुरुआत की थी, जो 20 सितंबर को वैशाली में समाप्त होगी। इस दौरान संजय यादव उनके साथ सक्रिय रूप से मौजूद रहे।

राजद के भीतर संजय यादव का प्रभाव लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले संजय को लेकर परिवार में असहमति नई नहीं है। लालू की बड़ी बेटी और पाटलिपुत्र की सांसद मीसा भारती और बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी उनके प्रभाव के विरोधी रहे हैं। तेज प्रताप अक्सर सोशल मीडिया पर ‘देशद्रोहियों’ का ज़िक्र करते आए हैं और कई बार अप्रत्यक्ष रूप से संजय को निशाना बनाया है।

लालू प्रसाद पहले ही अपने बड़े बेटे तेज प्रताप से दूरी बना चुके हैं। तेज प्रताप ने अपने निजी जीवन को लेकर खुलेआम स्वीकार किया था कि शादीशुदा होने के बावजूद उनका लंबे समय से एक लड़की के साथ प्रेम संबंध रहा है। अब रोहिणी आचार्य के इस कदम से राजद परिवार में तनाव और गहराने के संकेत मिल रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस विवाद का असर आगामी विधानसभा चुनावों पर पड़ सकता है। पारिवारिक कलह और तेजस्वी की छवि को नुकसान पहुँचाने वाली ऐसी घटनाएं राजद समर्थकों को असमंजस में डाल सकती हैं। पार्टी को यह चुनौती अब केवल विपक्षी दलों से नहीं, बल्कि अपने ही घर के भीतर से भी झेलनी पड़ रही है।

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