गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)।गोरखपुर मंडल के विकास कार्यों की प्रगति को तेज गति देने और सीएम डैशबोर्ड पर दर्ज सूचनाओं को पूरी तरह सटीक बनाने के उद्देश्य से शुक्रवार को मंडलायुक्त अनिल ढींगरा की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महाराजगंज जिलों से जुड़े विभागाध्यक्ष मौजूद रहे, जबकि तीन जनपदों के वरिष्ठ अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए।
सीएमआईएस पोर्टल पर गंभीर विसंगतियों को तुरंत सुधारने का आदेश
मंडलायुक्त ने कहा कि शासन स्तर से कई परियोजनाओं में महत्वपूर्ण त्रुटियां चिन्हित हुई हैं, जिन्हें 72 घंटे के भीतर सुधारना अनिवार्य है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि गलत डेटा, अधूरी प्रविष्टियां और अद्यतन जानकारी का अभाव विकास की वास्तविक प्रगति को प्रभावित करता है और किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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मुख्य त्रुटियाँ जिन पर कड़े निर्देश
परियोजनाओं के अद्यतन फोटोग्राफ अपलोड न होना — इसे गंभीर लापरवाही माना गया।लागत से अधिक अवमुक्त या व्यय राशि दर्ज होना — मंडलायुक्त ने इसे तकनीकी त्रुटि नहीं, बल्कि जवाबदेही का अभाव बताया।भौतिक रूप से पूर्ण परियोजनाओं की वित्तीय प्रगति शून्य/70% से कम दर्ज — तत्काल अपडेट का आदेश।पूर्णता तिथि दर्ज न होना — राज्यस्तरीय समीक्षा में परियोजना अधूरी दिखती है।एक्टिविटी-माइलस्टोन, विधानसभा क्षेत्र एवं प्रोजेक्ट मैनेजर विवरण अनुपस्थित — 72 घंटे में पूर्ण अपडेट करने का निर्देश।
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विकास की रफ्तार बढ़ाने पर जोर
मंडलायुक्त ने कहा कि डेटा अपडेट न होना भी विकास में बाधा है। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने आश्वासन दिया कि नगर निगम की सभी परियोजनाओं का डेटा 48 घंटे में अपडेट कर दिया जाएगा। परियोजना निदेशक दीपक सिंह ने बताया कि सभी विभागों के साथ समन्वय बनाकर सीएमआईएस पोर्टल को पूरी तरह अद्यतन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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मंडलायुक्त ने कहा— “सीएम डैशबोर्ड पर दर्ज प्रगति ही आपकी वास्तविक प्रगति मानी जाएगी।”बैठक के अंत में सभी विभागों को निर्देशित किया गया कि निर्धारित समय सीमा में सभी विसंगतियों का निस्तारण कर अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
