बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)। संविधान निर्माताओं के योगदान को सम्मान देने के लिए संविधान दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 26 नवम्बर को जन भागीदारी के रूप मनाया गया। इस वर्ष संविधान दिवस भारत-लोकतंत्र की जननी विषय पर मनाया गया। जनपद बलरामपुर के विभिन्न कार्यालयों, निकायों, संस्थाओं, विद्यालयों में हर्षोउल्लास पूर्वक संविधान दिवस मनाया गया।
जिलाधिकारी डा0 महेन्द्र कुमार के निर्देश के अनुपालन मंे अपर उप जिलाधिकारी ओम प्रकाश द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें कलेक्ट्रेट के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को संकल्प दिलाया गया कि ‘‘हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथ उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढसंकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर, 1949 ई.(मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमीं, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतत् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते है।’’
उन्होंने गोष्ठी कार्यक्रम में संविधान दिवस पर व्याख्यान करते हुये कहा कि भारतीय संविधान दुनिया के सबसे लंबे संविधानों में से एक है। यह एक ऐसा संविधान है जिसे दो भाषाओं अंग्रेजी एंव हिन्दी में हस्तलिखित किया गया था। डाॅ0 भीम राव अम्बेडकर को भारतीय संविधान के पिता के रूप में जाना जाता है। भारत का संविधान देश को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया । यह अपने नागरिकों को न्याय, समानता, स्वतंत्रता का आस्वासन देता है और जाति, पंथ धर्म, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर बिना किसी भेदभाव के बंधुत्व का बढ़ावा देने में मदद करता है। हम सब का यह कर्तव्य है कि देश के संविधान का सम्मान करें और उनमें वर्णित नियमों का अक्षरशः अनुपालन करना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर नायब तहसीलदार कलेक्ट्रेट स्वाति सिंह, सुरेश उपाध्याय, नाजिर कलेक्ट्रेट रवि शुक्ल, बाबूराम पाण्डेय, आनन्द कुमार, मनोज कुमार, इरशाद बाबू व अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।
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