जौनपुर। (राष्ट्र की परम्परा) नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर उसका यौन उत्पीड़न करने वाले एक आरोपी को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश/ पाक्सो ऐक्ट (अनन्य) काशी प्रसाद सिंह यादव ने दोषी करार देते हुए 7 वर्ष की सज़ा सुनाई है तथा 10 हजार रुपये अर्थ दण्ड लगाया है। इस मामले में कुल सात चश्मदीदों ने गवाही दी है।
सरपतहां थाने में दर्ज मुकदमा संख्या 555/2014 के आरोपी रिंकू पुत्र बद्री हरि निवासी सुइथाकला मामले की सुनवाई करते हुए आज न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश/ पाक्सो एक्ट (अनन्य) काशी प्रसाद सिंह यादव ने दोषसिद्ध अभियुक्त रिंकू को विशेष सत्र परीक्षण अन्तर्गत धारा 363, 366 भा०द०सं० व धारा-4 पॉक्सो ऐक्ट, थाना-सरपतहाँ, जनपद-जौनपुर के मामले में निम्नानुसार दण्डित किया ।
धारा-363 भा०द०सं० के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध में तीन वर्ष के कठोर कारावास तथा मु0- 3,000 /- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अभियुक्त द्वारा अर्थदण्ड अदा न करने पर उसे दो माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
धारा-366 भा०द०सं० के अर्न्तगत दण्डनीय अपराध में पाँच वर्ष के कठोर कारावास तथा मु0-5,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अभियुक्त द्वारा अर्थदण्ड अदा न करने पर उसे चार माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
धारा-4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध में सात वर्ष कठोर कारावास से तथा मु0-10.000/- (दस हजार रूपये) के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अभियुक्त द्वारा अर्थदण्ड अदा न करने पर उसे छः माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।अभियुक्त की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
मुकदमे की पैरवी विशेष लोक अभियोजन पाक्सो ऐक्ट रमेश पाल और वेदप्रकाश तिवारी ने किया।
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