कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)
तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत बरवाराजापाकड़ के सपही बरवा टोला में विगत छह वर्षों से आयोजित होने वाले राधा अष्टमी महोत्सव के निमित्त आयोजित रामकथा में, कथावाचक आचार्य विनय पाण्डेय द्वारा राम नाम की महिमा का वर्णन किया गया।
👉राम नाम की श्रेष्ठता जानने के लिए सत्संग जरूरी
राम कथा के प्रथम दिन गुरुवार की रात्रि श्रोताओं को कथा सुनाते कथावाचक ने कहा कि राम नाम की महिमा, स्वयं राम भी नहीं गा सकते हैं। राम नाम की महिमा संतो ने सत्संग में गायी है इसलिए राम नाम की श्रेष्ठता जानने के लिए सत्संग करना जरूरी है। वाल्मीकि की मुलाकात संत शिरोमणि नारद जी से हुई और राम का उल्टा नाम जपकर भी आदि कवि पद को प्राप्त हुए। तुलसी दास जी की मुलाकात श्रीहनुमान जी से हुई और रामचरित मानस की रचना कर, कवि कुल शिरोमणि बने। राम नाम जप के प्रभाव से टेढ़ा चंद्रमा भी शिव के मस्तक पर सुशोभित है। रामचरित मानस हमें सामाजिक धर्म की शिक्षा देता है।
पं. दीपक मिश्र ने वाल्मीकि रामायण का परायण पाठ किया। तारकेश चौबे व केन यूनियन के अंबरीष मिश्र ने व्यास पीठ का पूजन कर कथा का शुभारंभ कराया। इस अवसर पर प्रहलाद, केदारनाथ शर्मा, रविन्द्र, ध्रुव सुमेश जेई अखिलेश, राघव, संतोष श्रीवास्तव, प्रेम बिहारी आदि मौजूद रहे।
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