June 20, 2025

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राम ने ताड़का, मारीच का किया अन्त

श्री मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम लीला कमेटी के तत्वावधान में राम लीला का मंचन जारी

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)श्री मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम लीला कमेटी(रजि.) की ओर से सरयू तट स्थित बशीरगंज राम लीला मैदान पर बाहरी कलाकारों द्वारा रामलीला मंचन किया जा रहा है। जहां गुरुवार को मुनि आगमन, ताड़का सुबाहु वध,मारीच वध के प्रसंग का मंचन किया गया।राम लीला में प्रसंग के अनुसार मुनि के साथ आश्रम जाते समय राम लक्ष्मण को ताड़का ने काफी व्यवधान डाला और रास्ता रोकने की कोशिश की जिस पर श्रीराम ने अपने धनुष बाण से ताड़का का वध कर दिया।
इसी तरह विश्वामित्र के आश्रम में रह कर भगवान श्रीराम और लक्ष्मण यज्ञ की रक्षा करने लगे। अब तक राम और लक्ष्मण के वन आगमन की भनक राक्षसों को नहीं लगी थी। इस कारण उनका उत्पात नहीं थमा था। एक दिन मारीच विश्वामित्र के आश्रम में आया और यज्ञ कार्य में व्यवधान पैदा करने की कोशिश की। राम ने बाण से मारीच को मार गिराया। यही हाल सुबाहु का भी हुआ। मीडिया प्रभारी सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि शुक्रवार को राम लीला में अहिल्या उद्धार, नगर दर्शन, पुष्प वाटिका, धनुष भंग, रावण बाणासुर संवाद,लक्ष्मण- परशुराम संवाद का मंचन किया गया।इस दौरान कमेटी के अध्यक्ष श्याम करण टेकड़ीवाल, संतोष अग्रवाल, राकेश चन्द्र श्रीवास्तव, जय जय अग्रवाल, मुकुट बिहारी तिवारी,आशीष तिवारी,राहुल रॉय, कमल शेखर गुप्ता, मुरारी लाल भारद्वाज,विनय जैन,उत्कर्ष श्रीवास्तव मौजूद रहे।

ऋषि विश्वामित्र ने राक्षसों से धार्मिक अनुष्ठानों की रक्षा के लिए राजा दशरथ से राम और लक्ष्मण को मांगा

अयोध्या में राजा दशरथ के यहां भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघन जन्म लेते हैं। अयोध्यावासी खुशियां मनाते हैं। जैसे जैसे चारों बालक बड़े होते हैं उनकी बाल लीलाएं देखकर अयोध्या के निवासी प्रफुल्लित होते हैं। राम और लक्ष्मण के किशोर उम्र में पहुंचने पर ऋषि विश्वामित्र राक्षसों से अपने धार्मिक अनुष्ठानों की रक्षा के लिए अयोध्या जाकर राजा दशरथ से राम और लक्ष्मण को मांगते हैं। गुरू वशिष्ठ के समझाने पर दशरथ ऋषि के साथ भेज देते हैं। रामलीला में प्रस्तुति देख भक्त भाव विभोर हो गए। इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों सहित कमेटी के पदाधिकारी गण उपस्थित थे।