लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)देश के कई हिस्सों से मानसून की वापसी शुरू हो चुकी है, लेकिन उत्तर प्रदेश में यह एक बार फिर सक्रिय हो गया है। बारिश जहां कुछ जिलों के लिए राहत लेकर आई, वहीं अधिकांश जगहों पर आफत बन गई।
⚡ वज्रपात से चार की मौत, कई घायल
बुधवार को प्रदेश में आकाशीय बिजली कहर बनकर टूटी। जौनपुर जिले में वज्रपात से तीन लोगों की मौत हो गई। इनमें दो किशोर खेलते समय इसकी चपेट में आ गए। वहीं, मिर्जापुर में लकड़ी बीनने गई महिला झमाझम बारिश के बीच गिरी बिजली की चपेट में आ गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके अलावा पांच लोग झुलस गए।
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🌧️ बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
अंबेडकरनगर जिले में हुई 94 मिलीमीटर मूसलाधार बारिश से नगर के कई इलाकों में जलभराव हो गया। अकबरपुर के पुराने शहर और बाजारों की दुकानों में पानी घुस गया, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। लखनऊ के अलीगंज सेंटर में 88 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
🌊 नदियां उफान पर, बाढ़ का खतरा
पूर्वी उत्तर प्रदेश में नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं।
अयोध्या – सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
गोरखपुर – राप्ती नदी चेतावनी बिंदु पार कर चुकी है।
कुशीनगर – गंडक नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
इन हालातों ने बाढ़ का खतरा और बढ़ा दिया है।
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🌡️ प्रयागराज में बढ़ा तापमान
प्रयागराज में बादलों के छाए रहने के बाhवजूद अधिकतम तापमान में 2.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई। मौसम विभाग ने यहां अगले कुछ दिनों तक गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई है।
⛈️ मौसम विभाग की चेतावनी
भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना वाले जिले – प्रतापगढ़, गोंडा, सीतापुर, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर और आसपास के इलाके।
भारी वर्षा की संभावना वाले जिले – बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, जौनपुर, आजमगढ़, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, मैनपुरी, इटावा, औरैया, पीलीभीत, शाहजहांपुर समेत आसपास के इलाके।
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🚜 किसान बेहाल
बरसात कहीं राहत तो कहीं आफत बन रही है। जिन जिलों में खेत सूखे की मार झेल रहे थे, वहां किसान बारिश से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। वहीं, जहां मूसलाधार बारिश और वज्रपात हो रहे हैं, वहां किसान अपनी मेहनत की कमाई बचाने की जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं। कई जगह फसलें बर्बादी की कगार पर हैं।
👉 यह बरसात लोगों को सकून देने के बजाय जानलेवा साबित हो रही है। प्रदेश सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग के लिए यह बड़ी चुनौती बन चुकी है।
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