सिकंदरपुर/बलिया(राष्ट्र की परम्परा)लगातार हो रही बरसात ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खेतों में पानी भर जाने से धान की फसल बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है। कई जगहों पर धान पूरी तरह गिर चुका है, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। पानी निकासी की व्यवस्था न होने से खेतों में फसल सड़ने लगी है।
ये भी पढ़ें –वंदे मातरम्: राष्ट्रहित की आध्यात्मिक प्रेरणा
मालदह निवासी पूर्व प्रधान जगदीश वर्मा सत्य प्रकाश तिवारी ने बताया कि लगातार हो रही बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खेतों में पानी इतना भर गया है कि धान काटना मुश्किल हो गया है। मजदूर भी पानी में उतरकर काम करने को तैयार नहीं हैं, जिससे फसल कटाई का कार्य पूरी तरह ठप पड़ा है। उन्होंने कहा कि बरसात की वजह से अब अगली फसल की बुवाई भी लेट हो जाएगी। खेतों में पानी सूखने में समय लगेगा, जिससे गेहूं की बुवाई पर भी असर पड़ेगा। किसानों का कहना है कि अगर जल्द मौसम नहीं सुधरा और पानी की निकासी नहीं हुई तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी। खेतों में खड़ी फसल से निकल रही दुर्गंध अब यह संकेत दे रही है कि बर्बादी तय है। ग्रामीणों ने प्रशासन से खेतों से पानी निकासी की व्यवस्था कराने की मांग की है।
किसानों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाए, ताकि वे अपनी अगली फसल की तैयारी कर सकें। लगातार बारिश से जहां मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा, वहीं किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। गाँवों में हर तरफ चिंता का माहौल है और किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए मौसम के सुधरने का इंतज़ार कर रहे हैं।
