पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। बिहार की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है। राजधानी पटना में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक के बाद राहुल गांधी सीधे महागठबंधन के घटक दलों के शीर्ष नेताओं संग होटल चाणक्य में बैठेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे का फार्मूला और साझा रणनीति पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।
पिछले कुछ दिनों से महागठबंधन के भीतर सीटों को लेकर टकराव गहराता जा रहा था। कांग्रेस का दावा है कि इस बार उसे पिछली बार से अधिक सीटें मिलनी चाहिए, जबकि राजद अपने परंपरागत प्रभाव वाले इलाकों में किसी भी तरह की रियायत देने को तैयार नहीं दिख रहा। वामदलों और वीआईपी पार्टी ने भी अपनी-अपनी शर्तें रखी हैं। ऐसे हालात में राहुल गांधी की मौजूदगी को विवाद सुलझाने और अंतिम समझौते तक पहुंचने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में केवल सीट बंटवारे पर ही नहीं, बल्कि साझा चुनावी मुद्दों और प्रचार अभियान की दिशा पर भी चर्चा होगी। बेरोजगारी, महंगाई और किसान संकट जैसे स्थानीय व राष्ट्रीय सवालों को प्राथमिकता देने पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर आक्रामक अभियान चलाने की रणनीति भी तय की जा सकती है।
शाम को बैठक के बाद राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी यादव और अन्य सहयोगी दलों के नेता संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। राजनीतिक हलकों का मानना है कि यह महज प्रेस वार्ता नहीं होगी, बल्कि जनता को विपक्षी एकता का ठोस संदेश देने की पहल होगी।
विश्लेषकों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के लिए एकजुट चेहरा दिखाना बेहद जरूरी है। कांग्रेस खुद को गठबंधन में निर्णायक भूमिका में पेश करना चाहती है, जबकि राजद अपनी परंपरागत पकड़ बनाए रखने में कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहता। इसीलिए पटना में हो रही यह बैठक बिहार की राजनीति का नया मोड़ साबित हो सकती है।