नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के प्रमुख राहुल गांधी ने मंगलवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह लद्दाख के स्थानीय लोगों से तत्काल बातचीत शुरू करे। उन्होंने सरकार से हिंसा और डर की राजनीति को बंद करने का आह्वान किया और लेह में हुई हालिया हिंसा की निष्पक्ष जांच की माँग की।
लेह में 24 सितंबर को विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। स्थानीय भाजपा कार्यालय में आग लगने की इस घटना में चार लोगों की जान चली गई। राहुल गांधी ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि इन मृतकों में से एक सैनिक परिवार का जवान था। उन्होंने कहा, “पिता सैनिक, बेटा भी सैनिक – खून में देशभक्ति दौड़ने वाले, फिर भी भाजपा सरकार ने लद्दाख और उसके अधिकारों के लिए खड़े इस युवा की जान ले ली। पिता की दर्दभरी आँखें बस एक ही सवाल पूछ रही हैं – क्या आज देश सेवा का यही इनाम है?”
घटना के दो दिन बाद, जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया। उन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है।
लद्दाख के नागरिक केंद्र शासित प्रदेश को संविधान की अनुसूची VI में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। इस अनुसूची में अनुच्छेद 244(2) और 275(1) का उल्लेख है, जो असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन संबंधी प्रावधानों से संबंधित हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जाँच और स्थानीय लोगों से संवाद ही लद्दाख में स्थायी शांति और भरोसा स्थापित कर सकता है।
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