
(सतीश पाण्डेय की रिपोर्ट)
महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “चमचमाती नगर पंचायत” के वादे को चौक नगर पंचायत के अधिकारी ही पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। जिले की प्रतिष्ठित नगर पंचायत चौक के अंबेडकर नगर वार्ड में सड़कों की स्थिति इस कदर खराब है कि बारिश होते ही पूरा इलाका दलदल में तब्दील हो जाता है। सड़कें नहीं, मानो कीचड़ भरे पोखर बन गए हैं — जिनमें न पैदल चलना मुमकिन है, न वाहन ले जाना।
तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि सड़कें पूरी तरह गड्ढों और गंदे पानी से भरी हुई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर बरसात उनके लिए मुसीबतों का पहाड़ लेकर आती है। माया देवी, जोगिंदर, छोटेलाल और कुसमावती देवी जैसे कई स्थानीय निवासियों ने नगर पंचायत में कई बार ज्ञापन देकर सड़क निर्माण की मांग की, लेकिन उनकी समस्याएं अब तक अनसुनी हैं।
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी केवल कागजी खानापूर्ति कर रहे हैं। जनता द्वारा सौंपा गया ज्ञापन भी महज औपचारिकता बनकर रह गया है। वृद्ध, महिलाएं और स्कूल जाने वाले बच्चे सबसे ज्यादा परेशान हैं। गंदे पानी के जमाव से मच्छरों का प्रकोप और जलजनित बीमारियों का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि यही चौक नगर पंचायत है, जहां बीते वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा में वादा किया था कि “चौक नगर पंचायत की सड़कें नगर पालिका जैसी चमकेंगी।” लेकिन जमीनी हकीकत मुख्यमंत्री के उस दावे को ठेंगा दिखा रही है।
स्थानीय लोगों ने अधिशासी अधिकारी पर आरोप लगाया कि वह भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और काम केवल अपने चहेतों के लिए ही कराते हैं। जनता का आरोप है कि कमीशनखोरी के चलते आम नागरिकों की बुनियादी समस्याएं भी नजरअंदाज की जा रही हैं।
अब जनता पूछ रही है— क्या उनका कसूर सिर्फ इतना है कि वे एक पिछड़े वार्ड में रहते हैं? क्या उन्हें पक्की सड़क जैसी प्राथमिक सुविधा की भी कोई गारंटी नहीं?
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