June 27, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जान से कर रहे हैं खिलवाड़ स्वास्थ्य विभाग बना अंजान

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी निष्क्रिय, नहीं कर रहे क्लीनिक और पैथोलैब की जांच

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। ब्लाक नवाबगंज के चौंक चौराहे पर झोलाछाप डॉक्टर एवं बिना लाइसेंस के मेडिकलों की भरमार चाय की गुमटियों जैसी दुकानाें में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी से। सभी बीमारियों का इलाज यह झोलाछाप डॉक्टर करने को तैयार हो जाते हैं। खास बात यह है कि अधिकतर झोलाछाप डॉक्टरों की अब गांव देहात में मोटरसाइकिल से जा कर इलाज करते हैं। नवाबगंज क्षेत्र के सदर नवाबगंज, चौगोड़वा , निम्न हारा, अवधूत गांव चौराहा , निबिया चौराहा , बरवालियां चौराहा , बेलवा भारी डंगरा, सहित हर गांव के चौंक चौराहा पर में भी चाय कि दुकान की तरह मेडिकल खोल कर क्लिनिक चला रहे हैं जहां बिना डिग्री के बिना लाइसेंस के मरीज से खिलवाड़ करते हैं। जहां ब्लाक नवाबगंज के क्षेत्र में एक समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चर्दा में है जहां हमेशा दवाईयां ही कम रहती है। दुसरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बाबागंज है तीसरा रुपईडीह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है चौथा नवाबगंज के चौगोड़वा में है। लेकिन अगर चौगोडवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कि बात कि जाए तो वहां भी हमेशा दवाइयां का ही अभाव रहता है और और दो चिकित्सा अधिकारी पोस्ट है लेकिन उनके आने-जाने का कोई टाइम टेबल नहीं है। जिससे बीमार होने पर झोलाछाप डॉक्टरों से ही इलाज कराना पड़ता है। नवाबगंज क्षेत्र में झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा बिना पंजीयन के एलोपैथी चिकित्सा व्यवसाय ही नहीं किया जा रहा है। बल्कि बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं का भंडारण व विक्रय भी अवैध रूप से किया जा रहा है। दुकानों के भीतर कार्टून में दवाओं का अवैध तरीके से भंडारण रहता है। लेकिन जब इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय कुमार से बात किया गया तो बताया कि जानकारी मिली है और हम नोडल अधिकारी को अवगत कराते हैं। लेकिन जब इस सम्बन्ध में नोडल अधिकारी से बात की गई तो बताया कि उन्हें क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों व गैर पंजीकृत क्लीनिककों के संचालन की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ निश्चित रूप से कार्यवाही होगी। कार्रवाई करने का अधिकार सीएचसी अधीक्षक को भी है। टीम गठित कर वह भी जांच कर सकते हैं।