
अलास्का (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अलास्का में हुई ऐतिहासिक शिखर बैठक ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। लगभग पाँच साल बाद दोनों नेताओं की आमने-सामने मुलाकात में पुतिन ने चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि अगर 2022 में ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति होते, तो यूक्रेन में युद्ध कभी शुरू नहीं होता।
ट्रंप के उस दावे पर टिप्पणी करते हुए, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी मौजूदगी रूस को यूक्रेन पर हमला करने से रोक सकती थी, पुतिन ने साफ शब्दों में कहा—”मैं इसकी पुष्टि कर सकता हूँ।”
करीब तीन घंटे चली इस उच्च-स्तरीय वार्ता में यूक्रेन युद्ध प्रमुख विषय रहा। पुतिन ने ट्रंप की “संघर्ष के सार को समझने की इच्छा” की सराहना की और कहा कि रूस की सच्ची रुचि शांति स्थापित करने में है, लेकिन इसके लिए सभी मूल कारणों को खत्म करना होगा और रूस की सभी सुरक्षा चिंताओं पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने ट्रंप के इस विचार से भी सहमति जताई कि यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
पुतिन ने बैठक स्थल अलास्का को “हमारे देशों के साझा इतिहास को देखते हुए एक तार्किक जगह” बताया। हालांकि, गहन और रचनात्मक बातचीत के बावजूद, यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने या रोकने पर कोई ठोस समझौता नहीं हो सका। यह युद्ध, जो अब चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है, 1945 के बाद से यूरोप का सबसे घातक संघर्ष बन गया है।
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के लिहाज से यह मुलाकात कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इससे अमेरिका-रूस संबंधों में संभावित नए अध्याय की संभावना और यूक्रेन संकट पर नई पहल की उम्मीदें भी जुड़ गई हैं।
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