
सिकन्दरपुर /बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
विश्व ब्रेल दिवस के अवसर पर सर्व सेवा संस्थान नवरतनपुर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जन जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आम जन मानस को ब्रेल लिपि के बारे में जागरूक करना ताकी हम दृष्टि बाधित बच्चों के लेखन और पठन में उपयोग होने वाली प्रणाली के बारें में जागरूकता फैला सकें।
इस अवसर पर ममता प्रजापति ने बताया कि आप सभी जानते होंगे की दृष्टि बाधित लोगों का एक अलग लेखन प्रणाली होता है, जिससे वह पठन और लेखन कर पाते है। इस प्रणाली को हम ब्रेल लिपि कहते है। ब्रेल कोई भाषा नहीं है यह लिखने का एक प्रणाली होता है। ब्रेल में लिखी हुई किसी भी बात को दृष्टिहीन बालक या व्यक्ति बिना किसी मद्द के पढ़ और समझ सकते है। इसके आविष्कारक लुईस ब्रेल थे। लुईस ब्रेल सम्मान में हम हर साल 4 जनवरी को उनके जन्मदिन पर वर्ल्ड ब्रेल मनाते है।
इस अवसर पर सुनिल कुमार प्रजापति ने ब्रेल लिपि के मुख्य विशेषताओं के बारे में बताया कि ब्रेल में अक्षर, संख्या और अन्य प्रतीक 6 बिंदुओं के एक ब्लॉक (सेल) में व्यवस्थित होते हैं। प्रत्येक ब्लॉक में तीन पंक्तियाँ और दो स्तंभ होते हैं।
इस अवसर पर नागेन्द्र यादव, पवन, अरविन्द्र, सतीश, प्रिंस एवं डी एड विशेष शिक्षा-श्रवण बाधिता व बौद्धिक अक्षमता के छात्र उपस्थित रहे।
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