
मिजोरम की राजधानी आइजोल अब रेल नेटवर्क से जुड़ी, बैराबी-सैरांग रेललाइन तैयार
आइजोल/नई दिल्ली।(Rkpnewsdesk) मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पूर्वोत्तर भारत को जोड़ने के प्रयासों को नई दिशा और गति मिली है। इसी क्रम में अब मिजोरम की राजधानी आइजोल को देश के राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने वाली 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग रेल लाइन बनकर पूरी तरह तैयार हो चुकी है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के अधिकारियों के अनुसार, रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीएसआर) की मंजूरी भी मिल चुकी है और जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक रेलमार्ग का उद्घाटन करेंगे।
कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को दी मात
बैराबी से सैरांग तक का यह रेलमार्ग मिजोरम की दुर्गम पहाड़ियों और सघन जंगलों से होकर गुजरता है। इस परियोजना के तहत 48 सुरंगें (कुल लंबाई 12.853 किमी), 55 बड़े पुल, 87 छोटे पुल, साथ ही पांच रोड ओवरब्रिज और नौ अंडरब्रिज का निर्माण किया गया है। परियोजना में बना एक पुल 104 मीटर ऊंचा है, जो दिल्ली की कुतुब मीनार से भी 42 मीटर ऊंचा है।
मिजोरम बना चौथा जुड़ा राज्य
इस लाइन के चालू हो जाने के बाद मिजोरम, पूर्वोत्तर का चौथा राज्य बन जाएगा जिसकी राजधानी अब भारतीय रेलवे नेटवर्क से सीधे जुड़ गई है। इससे पहले अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड की राजधानियों को रेल संपर्क मिल चुका है।
पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
रेललाइन के शुरू होने से मिजोरम के नागरिक अब सिलचर के रास्ते आइजोल तक रेल यात्रा कर सकेंगे। इससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी खुलेंगे। रेलवे स्टेशनों और माल शेड के आसपास छोटे-छोटे व्यवसायों के पनपने की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का परिणाम
यह परियोजना न सिर्फ बुनियादी ढांचे के विकास की मिसाल है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के सर्वांगीण विकास के लिए कितनी प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी पहले ही जम्मू-कश्मीर में चिनाब पुल के उद्घाटन के ज़रिए कश्मीर घाटी को देश के रेल नेटवर्क से जोड़ चुके हैं, और अब पूर्वोत्तर में यह बड़ी उपलब्धि मिजोरम के लिए ऐतिहासिक क्षण साबित होगी।
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