
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा) तिरुपति बालाजी मंदिर के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी राज नारायणाचार्य जी महाराज ने कहा है कि उत्तरप्रदेश को उत्तमप्रदेश बनाने के लिये अथक प्रयास हो रहा था। बड़े-बड़े औद्योगिक समूहों का उत्तरप्रदेश में निवेश होने की संभावना बनी हुई थी। प्रदेश में अनकों एम्स,मेडिकल कॉलेज बनाये गये। निरपेक्षरूप से शिक्षा,दीक्षा,परीक्षा की व्यवस्था की गयी,ग़रीबों में मुफ़्त खाद्यान्न वितरण का क्रम चल रहा था। मगर सत्ता लोलुपों ने तुच्छ राजनीति के तहत उत्तरप्रदेश को जाति,प्रजाति,मजहबी उन्माद में झोंक दिया जिससे निकलना कठिन हो गया है।
समाज को जोड़ती है धर्म नीति
स्वामी जी ने कहा कि सनातनधर्म को माननेवाले हिन्दू जनमानस एवं अविरल भारतीय संस्कृति को तोड़ने के लिये वैदेशिक मिशनरियों के बहकावे में आकर कुछ लोगों के द्वारा असंसदीय कुकृत्य किया जा रहा है। जो अक्षम्य अपराध की श्रेणी में आता है ।
ज्ञातव्य है कि धर्मनीति समाज को जोड़ने का काम करती है जबकि राजनीति समाज को तोड़ने का काम करती है। भारतीय संविधान किसी एक व्यक्ति ने नहीं बनाया है,संविधान तो दो सौ निन्यानवे शास्त्रविद् लगों ने बनाया जो सभी श्रद्धेय हैं ।केवल भारतीय संविधान ड्राफ्ट के चेयरमैन को संविधान निर्माता कहना अतिशयोक्ति ही है।
शास्त्रों में दलित और अछूत शब्द का प्रयोग नहीं हुआ
सनातनधर्म के शास्त्रों में मनुष्यों के लिए ‘दलित’ ‘महादलित’ ‘अछूत’ आदि शब्दों का प्रयोग नहीं हुआ है,ये तो राजनीतिज्ञ जनों के मस्तिष्क की उपज है।कोरोनावायरस आने के बाद भी यदि छूआछूत का विज्ञान नहीं समझ में आया तो क्या कहा जाय।वर्तमान समय में जो कुछ हो रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है ।देश में फूट डालकर सत्तारूढ़ होने के लिए असफल प्रयास लोकहित में नहीं हो सकता है ।किसी के भी बहकावे में न आकर हम सभी को ‘एक’ रहते हुए ‘नेक’ बनने की हमेशः कोशिश करनी चाहिए।
More Stories
बेचू साथ पोखरे के पास बने विवाह भवन से हजारों की चोरी
सपा की मासिक बैठक में संगठन को मजबूत करने का दिया जोर
संपूर्ण समाधान दिवस: 121 शिकायतों में 9 का निस्तारण, 6 टीमें मौके पर भेजी गई