मुंबई (राष्ट्र की परम्परा)पवई कला विकास मंडल द्वारा सार्वजनिक गणेशोत्सव का आयोजन लगातार ५१ वर्षों से किया जा रहा है। मंडल केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी उल्लेखनीय योगदान दे रहा है।
पिछले वर्ष स्वर्ण महोत्सव का भव्य आयोजन मंडल की गौरवशाली परंपरा और समाजसेवा की अखंड धारा का प्रतीक बना था।

मंडल ने अब तक पवई के विद्यालयों के ६०० से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा-शुल्क सहायता प्रदान की है। इसके साथ ही रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य परीक्षण, अंगनवाड़ी सहयोग तथा समाज कल्याण केंद्रों के माध्यम से वंचित वर्ग के जीवन में आशा और सशक्तिकरण का संचार किया है।

इस वर्ष मंडल ने छत्रपति शिवाजी महाराज के राजदरबार की कलाकृति साकार की है, जिसके माध्यम से संस्कृति और परंपरा के पुनर्जागरण का संदेश दिया गया। विशेष रूप से महाराष्ट्र के बारह गढ़-किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में स्थान मिलने की ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ यह कलाकृति समाज को प्रेरित करती है कि जैसे शिवाजी महाराज ने हिंदुत्व की ज्योति प्रज्वलित रखी, वैसे ही आज भी उस चेतना को समाजजीवन में जीवित रखना आवश्यक है।