
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
इंटरनेट की दुनिया अब साइबर अपराधियों के कारण सुरक्षित नहीं है। भले ही इंटरनेट लोगों के जीवन में बड़े बदलाव लाए हो लेकिन अब उतना ही खतरनाक साबित हो गया है। हर साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। अपराध से जुड़ी क्राइम को रोकने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने जनपद के प्रत्येक थानों से दो निरीक्षक दो कांस्टेबल हेड कांस्टेबल पुलिस को लाइन व्हाइट हाउस सभागार में सहायक पुलिस अधीक्षक/ क्षेत्राधिकारी कैंट अंशिका वर्मा ने साइबर अपराध की जुड़ी हर जानकारी दी, जिससे गोरखपुर में कोई साइबर क्राइम का शिकार ना हो। सहायक पुलिस अधीक्षक अंशिका वर्मा ने बताया कि
साइबर अपराध कई प्रकार के होते हैं जिसमें हैकर्स/धोखेबाज पीड़ितों की प्रतिष्ठा, वित्त, व्यवसाय आदि को प्रभावित करने वाले विभिन्न साधनों का उपयोग करते हैं। डिवाइस कहीं और आपराधिक गतिविधि करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला लक्ष्य या उपकरण हो सकता है। साइबर क्राइम हमलों का टारगेट व्यक्ति, संगठन या सरकारें हो सकता है। यानी साइबर अपराधी किसी को भी शिकार बना सकते हैं। साइबर अपराधी तकनीकी रूप से अत्यधिक कुशल होते हैं जिनका उद्देश्य किसी अन्य डिवाइस को नुकसान पहुंचाना होता है या लाभ या कुछ अन्य कारणों से ऐसे उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं। ऐसे अपराधों को रोकने के लिए गोरखपुर पुलिस साइबर अपराध मुक्त बनाने के लिए कटिबंध है इस लिए साइबर अपराध की रोकथाम के लिए पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम एक्सपर्ट ट्रेनिंग दी गयी । साइबर क्राइम एक्सपर्ट टीम का मुख्य उद्देश्य थाना क्षेत्र में होनें वाले साइबर अपराध के संबंध में फर्स्ट रिस्पॉण्डर की भूमिका निभाना है साथ ही साथ आमजनमानस को साइबर अपराध के रोकथाम संबंध में जागरूक किया जा सके।
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