(दिलीप कुमार पाण्डेय)

नई दिल्ली(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 2025) को लालकिले के प्राचीर से देश के युवाओं और उद्योग जगत को बड़ी सौगात दी। इस मौके पर उन्होंने “पीएम विकसित भारत रोजगार योजना” लागू करने की घोषणा की। इस योजना से निजी क्षेत्र में स्वस्थ कार्यसंस्कृति के विकसित होने और कंपनियों-कर्मचारियों के बीच भरोसा बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

क्या है योजना की खासियत
इस योजना के तहत पहली बार नौकरी करने वाले युवा और उन्हें अवसर देने वाली कंपनियां, दोनों को फायदा होगा।
युवा को लाभ: पहली नौकरी शुरू करने पर केंद्र सरकार सीधा कर्मचारी के बैंक अकाउंट में 15,000 रुपये तक की राशि ट्रांसफर करेगी। यह वेतन से अलग प्रोत्साहन राशि होगी।
कंपनी को लाभ: जिस कंपनी ने पहली बार नौकरी पर युवा को अवसर दिया है, उसे सरकार की ओर से 3,000 रुपये प्रति माह की सहायता मिलेगी।
योजना के दो स्पष्ट भाग हैं—

  1. नौकरी करने वाले युवाओं के लिए वित्तीय प्रोत्साहन।
  2. नौकरी देने वाली कंपनियों को सहयोग।
    कब से लागू हुई योजना
    यह योजना पहले 1 अगस्त 2025 से लागू होनी थी, लेकिन सरकार ने इसकी शुरुआत 15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की। इससे पहले बजट 2025-26 में ही इस योजना के लिए धनराशि आवंटित कर दी गई थी। योजना का प्रारंभिक नाम ईएलआई (Employment Linked Incentive) स्कीम था, जिसे बदलकर अब पीएम विकसित भारत रोजगार योजना कर दिया गया है।
    लाभार्थियों की संख्या
    सरकार ने घोषणा की है कि इस योजना के तहत 1.92 करोड़ युवाओं को पहली नौकरी मिलने पर यह लाभ उपलब्ध कराया जाएगा।
    EPFO ने जारी किए कड़े निर्देश
    कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने स्पष्ट किया है कि योजना का लाभ केवल उन्हीं युवाओं को मिलेगा जिनकी ग्रॉस सैलरी 1 लाख रुपये प्रति माह से कम होगी।
    कंपनियों को हर महीने सही वेतन विवरण ईसीआर (Electronic Challan cum Return) में दर्ज करना होगा।
    यदि किसी कर्मचारी की सैलरी का गलत ब्योरा दिया गया तो योजना के तहत मिलने वाला लाभ तुरंत वापस ले लिया जाएगा।
    यानी न तो कर्मचारी को 15,000 रुपये मिलेंगे और न ही कंपनी को 3,000 रुपये प्रति माह की सहायता दी जाएगी।
    क्यों है महत्वपूर्ण
    अक्सर नौकरी की शुरुआत में युवाओं को कम वेतन और अस्थायी नौकरी मिलती है। पीएफ-ईएसआई जैसी सुविधाएं भी कई बार नहीं मिलतीं। लेकिन इस योजना से उम्मीद है कि कंपनियां स्थायी रोजगार की ओर बढ़ेंगी और युवाओं को आर्थिक मजबूती के साथ भरोसा भी मिलेगा।