Tuesday, October 28, 2025
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दीपावली पर राशि अनुसार करें विशेष पूजन: जानें कौन-सा लग्न, कौन-सा मंत्र, कौन-सा भोग और कैसा दीपक बनाएगा भाग्यशाली

दीपावली न केवल लक्ष्मी पूजा का पर्व है, बल्कि यह भाग्य जागरण और ग्रह संतुलन का भी श्रेष्ठ अवसर है। इस दिन किया गया पूजन व्यक्ति के लग्न और राशि के अनुरूप हो तो उसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। आइए जानते हैं — किस राशि और लग्न के जातक किस मंत्र, भोग, दीपक और विधि से पूजा करें ताकि सुख-समृद्धि और भाग्य का दीप प्रज्ज्वलित हो सके।
🔯 मेष लग्न / मेष राशि (Aries)
देवता: श्री गणेश एवं मां महालक्ष्मी
मंत्र: “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”
जप संख्या: 108 बार
भोग: गुड़ से बने लड्डू, चने की दाल का हलवा
तेल: सरसों का तेल
दीपक: मिट्टी के दीप में सरसों तेल डालें, चार बातियों वाला दीपक पूरब दिशा में रखें।
विशेष उपाय: लाल वस्त्र धारण करें, “श्री सूक्त” का पाठ करें।
भाग्य उदय का समय: सायं 7:30 से 9:00 बजे तक।
🪔 वृषभ लग्न / वृषभ राशि (Taurus)
देवता: देवी लक्ष्मी व कुबेर जी
मंत्र: “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः”
जप संख्या: 108 या 216 बार
भोग: दूध से बनी खीर, मिश्री
तेल: देसी घी
दीपक: पीतल के दीपक में घी डालें, उत्तर दिशा में रखें।
विशेष उपाय: तांबे के कलश में जल रखकर चांदी के सिक्के डालें।
भाग्य समय: शाम 6:15 से 8:00 बजे तक।
💫 मिथुन लग्न / मिथुन राशि (Gemini)
देवता: श्री गणेश व विष्णु जी
मंत्र: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
जप संख्या: 108 बार
भोग: हरे मूंग की दाल का हलवा, इलायची मिश्रित दूध
तेल: तिल का तेल
दीपक: कांसे के दीपक में तिल का तेल, पश्चिम दिशा में रखें।
विशेष उपाय: तुलसी पत्र चढ़ाकर दीप जलाएं।
भाग्य काल: शाम 5:45 से 7:00 बजे।
🌸 कर्क लग्न / कर्क राशि (Cancer)
देवता: मां लक्ष्मी एवं चंद्रदेव
मंत्र: “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः”
जप संख्या: 108 बार
भोग: दूध-पेडा या नारियल की बर्फी
तेल: घी
दीपक: चांदी या मिट्टी के दीप में घी, उत्तर दिशा में रखें।
विशेष उपाय: घर के मुख्य द्वार पर दो दीपक जलाएं — एक अंदर, एक बाहर।
भाग्य समय: रात 8:00 से 9:30 तक।
🧿 सिंह लग्न / सिंह राशि (Leo)
देवता: सूर्य देव और मां दुर्गा
मंत्र: “ॐ आदित्याय नमः”
जप संख्या: 11 माला
भोग: गुड़-घी से बने चूरमा लड्डू
तेल: सरसों का तेल
दीपक: तांबे के दीप में चार बत्तियाँ, पूर्व दिशा में रखें।
विशेष उपाय: लाल पुष्प अर्पित करें, तांबे के कलश से जल चढ़ाएं।
भाग्य काल: सुबह 6:00 से 7:30 तक।
🌼 कन्या लग्न / कन्या राशि (Virgo)
देवता: भगवान विष्णु
मंत्र: “ॐ नमो नारायणाय”
जप संख्या: 108 बार
भोग: मूंग दाल हलवा, तुलसी पत्र सहित प्रसाद
तेल: तिल का तेल
दीपक: पीतल या कांसे के दीपक में तिल तेल, दक्षिण दिशा में रखें।
विशेष उपाय: खीर का भोग लगाकर लक्ष्मी चालीसा पढ़ें।
भाग्य समय: सायं 7:00 से 8:15 तक।
🪙 तुला लग्न / तुला राशि (Libra)
देवता: देवी लक्ष्मी
मंत्र: “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद”
जप संख्या: 216 बार
भोग: मालपुआ, मिश्री
तेल: घी
दीपक: चांदी के दीप में घी, पश्चिम दिशा में रखें।
विशेष उपाय: सफेद वस्त्र पहनें और गुलाबी पुष्प चढ़ाएं।
भाग्य काल: सायं 6:45 से 8:30 तक।
🔱 वृश्चिक लग्न / वृश्चिक राशि (Scorpio)
देवता: मां काली, हनुमान जी
मंत्र: “ॐ ह्रीं क्रीं कालीकायै नमः”
जप संख्या: 108 बार
भोग: गुड़ और केले का भोग
तेल: सरसों का तेल
दीपक: मिट्टी के दीप में सरसों तेल, दक्षिण दिशा में रखें।
विशेष उपाय: रुद्राक्ष धारण कर पाठ करें।
भाग्य काल: रात्रि 8:00 से 10:00 तक।
🕉️ धनु, मकर, कुंभ व मीन राशि
धनु: “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः गुरुवे नमः”, घी का दीपक, पीली मिठाई
मकर: “ॐ शं शनैश्चराय नमः”, तिल तेल दीपक, उड़द का प्रसाद
कुंभ: “ॐ हं हनुमते नमः”, सरसों तेल दीपक, गुड़-चना भोग
मीन: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”, घी दीपक, नारियल-खीर भोग
🌠 सारांश एवं ज्योतिषीय संदेश
दीपावली का रात्रिकाल “अमावस्या” का होता है, अतः यह समय आध्यात्मिक ऊर्जा संचार का श्रेष्ठ काल है। अपने लग्न व राशि के अनुसार मंत्र जाप और पूजन करने से न केवल धन की वृद्धि होती है, बल्कि कर्म, भाग्य और ग्रह दोषों का भी निवारण होता है।
दीपावली की रात्रि में घर के चारों कोनों, तुलसी चौरा, रसोई और तिजोरी में दीपक अवश्य जलाएं — इससे धन स्थायित्व और सौभाग्य बना रहता है।
विशेष -यह सुझाव इसका पुष्टि Rkpnews नहीं करता किसी योग्य धार्मिक ज्ञाता से सलाह जरुर लें।

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