कलवा-मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र में अब तक नहीं दिखे सपा के ठाणे शहर के अध्यक्ष
जनता ने उठाया सवाल इन क्षेत्रों को लावारिस क्यो छोड़ा गया?
महाराष्ट्र ( राष्ट्र की परम्परा )
ठाणे जिला के कलवा- मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी के लिए मानो एक लावारिस विधानसभा क्षेत्र होगया है? क्योंकि लगभग पांच माह पहले समाजवादी पार्टी के मुंबई के विधायक व महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने, कलवा-मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र के अलावा ठाणे जिला सहित सपा की अन्य इकाईयों को भंग करने के दौरान ही ठाणे शहर अध्यक्ष पद पर मोहम्मद मोअल्लम खान उर्फ मामा की नियुक्ति कर दी गई थी। लेकिन ठाणे शहर अध्यक्ष बनने के बाद से ही मोअल्लम खान उर्फ मामा कलवा-मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद कलीम जामई की तरह अपने ठाणे शहर क्षेत्र में तो कभी दिखे ही नहीं, यहां तक कि उनके कौसा निवास स्थान के करीब कलवा-मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र के सपा कार्यालय में लगभग पांच महीने में पांच बार भी नजर नहीं आएं होंगे।ऐसा लगता है जैसे मामा ठाणे शहर अध्यक्ष बने ही नहीं उन्हें जबरन अध्यक्ष बना दिया गया हो? इसलिए तो मामा ने लगभग इन पांच महीनों में अबतक अपनी ठाणे शहर की कमेटी तक नहीं बनाई।, सुत्रों के मुताबिक मामा का एक कदम मुंब्रा-कौसा में तो दूसरा कदम उनके स्थाई गांव उत्तर प्रदेश में रहता है? इसी तरह कलीम जामई को जैसे ही कलवा-मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र का अध्यक्ष बनाया गया तो, विधानसभा क्षेत्र तो छोड़िए महाराष्ट्र से ही गायब हो जाते थे और जब उनकी जानकारी हासिल की जाती थी तो पता चलता था कि वह अपने मुकामी गांव उत्तर प्रदेश में टहल रहे हैं। अध्यक्ष बनने के बाद कलीम जामई का एक कदम मुंब्रा-कौसा में तो दूसरा कदम उत्तर प्रदेश में रहने के कारण ही उनकी हकालपट्टी करने के बजाय कलवा-मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र की इकाई को ही भंग कर दी गई। उसके बाद से ही लावारिस पड़े कलवा-मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र सपा के अध्यक्ष का राह देख रहा है। सपा के कुछ स्थानीय सुत्रों के मुताबिक कलवा-मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र के लिए अध्यक्ष की तलाश चल रही है अगर कलीम जामई और मोअल्लम मामा की तरह कोई एक कदम मुंब्रा-कौसा और दुसरा कदम उत्तर प्रदेश में रखने वाला मजबूत कार्यकर्ता मिल जाएगा तो, उसे कलवा-मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र का अध्यक्ष बनने का सौभाग्य जरूर प्राप्त हो सकता है। वर्ना यह विधानसभा क्षेत्र इसी तरह हमेशा के लिए लावारिस हालत में पड़ा रहेगा और सपा के कार्यकर्ता अपनी मायूसी लेकर दुसरे सक्रिय राजनीतिक पार्टियों द्वारा किये गये विकास कार्यों के अलावा धरना प्रदर्शन और रैलियों को देखकर दिल बहला लिया करेंगे?
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