July 5, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

मात-पिता का सदैव आदर होता है

वृद्धाश्रम का रिवाज भारत में,
पाश्चात्य सोच से ही प्रेरित है,
नर्सिंग होम पश्चिम में होते हैं,
जहाँ वृद्ध वरिष्ठ निवास करते हैं।

अठारह वर्ष के बच्चे पश्चिम के
स्वतः कमाने लग जाते हैं डॉलर,
भारत के ऐसे बच्चे निर्भर होते हैं,
अपने अपने अभिभावक के ऊपर।

भारतीय रीति रिवाज सदा सनातन हैं,
पीढ़ी दर पीढ़ी संस्कार ये माने जाते हैं,
बड़ों का सम्मान चोटों को प्यार,
मेरे भारत की अचल धरोहर हैं।

भारतीय संस्कारों में वृद्धाश्रम का
रिवाज तिरस्कृत और अमान्य है,
बच्चों को दिये गये संस्कार माता
पिता की पूरी देख रेख करते हैं।

यह संस्कार भी पीढ़ी दर पीढ़ी
रीति रिवाज परंपरा में होते हैं,
यही मानना मेरा और आपका है,
बाक़ी सबका अपना अपना मत है।

जीने के अपने अपने तौर तरीक़े हैं,
आदित्य सनातन वैदिक परम्परा,
सारी दुनिया में विश्व – विदित है,
मात-पिता का सदैव आदर होता है।

कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
लखनऊ

You may have missed