Tuesday, October 14, 2025
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27 व 28 सितंबर 2025 का राहु काल के साथ दिशा शुल का विचार के साथ पंचांग

(पंडित सत्य प्रकाश पाण्डेय द्वारा प्रस्तुति)

आप के सुविधा अनुशार दो दिवसीय पंचाग इस लिए तैयार किया जा रहा है आप एक दिन पूर्व अपने सुविधानुसार तैयारी कर सके भविष्य में 5 दिवसीय जानकारी देने का प्रयास किया जा सकता है। यह सुझाव है निर्णय आप को करना है।जानकारी किसी अच्छे ज्ञानी से ले सकते है।

विषय विवरण
दिन- शनिवार
तिथि – शुक्ल पक्ष पंचमी (Panchami) — दोपहर 12:04 बजे तक
नक्षत्र अनूराधा (Anuradha) (रात्रि 1:08 AM तक)
राशि में चंद्र (चंद्रमान) वृश्चिक (Scorpio)
कारक (करण) बालव (Balava) — रात पहले की ओर से 12:04 बीच तक, फिर “Kaulava” आरंभ
योग प्रीति (Priti)
सूर्योदय / सूर्यास्त लगभग 5:48 AM से 5:49 PM (वंरासी समयानुसार)
चंद्र उदय / चंद्र अस्त चंद्र उदय लगभग 10:28 AM
राहुकाल / गुलिक / यमघंट / अन्य काल

राहुकाल: 8:48 AM – 10:18 AM
गुलिक काल: 5:48 AM – 7:18 AM
यमघंट काल: 1:19 PM – 2:49 PM
शुभ मुहूर्त 11:24 AM – 12:12 PM
पूजा, देवी-पूजा सुझाव एवं ध्यान
यह दिन स्कंद (कार्तिकeya / कुम्भकरण रूप में स्कंदमाता या सेना देवता) की पूजा के लिए विशेष शुभ माना जाता है क्योंकि यह स्कंद सष्टी का दिन भी है।
चूँकि यह शनिवार है, देवी शिव / शनि देव का भी ध्यान करना लाभदायक हो सकता है, विशेषकर यदि भक्त शनि दोष या शिव भक्त हों।
सुबह जल्दी (भोर) का समय, फिर 11:24 AM – 12:12 PM का शुभ समय, तथा सूर्य दीप्ति के समय, पूजा-अर्चना करना श्रेष्ठ रहेगा।
इस तिथि में नवरात्रि चल रही है — यदि पारंपरिक रूप से देवी दुर्गा की उपासना करते हों, तो उसी स्वरूप की पूजा (जैसे अक्षता, फूल, धूप-दीप, दुर्गा स्तुति) कर सकते हैं।
पूजा करते समय राहुकाल और यमघंट में न करें।

28 सितंबर 2025 – पंचांग
विषय विवरण
दिन – रविवार
तिथि शुक्ल पक्ष षष्ठी (Shashthi) — दोपहर 2:28 बजे तक
नक्षत्र ज्येष्ठा (Jyeshtha) — रात्रि 3:55 AM तक
राशि में चंद्र अभी तक वृश्चिक (Scorpio)
कारक (करण) तैतिल (Taitila) — दोपहर तक
योग आयुष्मान (Ayushman)
सूर्योदय / सूर्यास्त लगभग 5:49 AM / 5:48 PM
चंद्र उदय / अस्त चंद्र उदय लगभग 11:24 AM
राहुकाल / अन्य काल (सटीक राहु काल आदि समय स्थानीय प्रति बदल सकता है) — पर सामान्य पंचांगों में देखा गया है कि राहु काल एवं अन्य दोषकाल साझा होते हैं; सुबह एवं दोपहर समय की गड़बड़ी न करें।
विशेष तत्त्व / पर्व यह दिन काल प्रारंभ, बिल्व निमंत्रण, अकाल बोधन आदि की धार्मिक क्रियाएँ की जाती हैं (नवरात्रि के दौरान) पूजा, देवी-पूजा सुझाव एवं ध्यान
इस दिन देवी दुर्गा (विशेष रूप से कल प्रारंभ पूजा, अक्षता निमंत्रण आदि) का अनुष्ठान किया जाता है, क्योंकि यह नवरात्रि की षष्ठी है।
इसके अलावा, इस दिन भी बिल्व निमंत्रण का विधान है — अर्थात् भगवान शिव की पूजा के लिए बिल्व पत्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। तेरहादि समय तथा शुभ मुहूर्त (सुबह जल्दी, दोपहर मध्य समय) में पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा। राहु काल आदि दोषकाल से बचें।

27-28 सितंबर 2025: विस्तृत हिंदू पंचांग, तिथि-नक्षत्र, शुभ मुहूर्त व देवी-पूजा मार्गदर्शन”
इन दो दिनों का पंचांग निम्नलिखित विशेष धन देता है:
27 सितंबर को चंद्रमा वृश्चिक राशि में, नक्षत्र अनूराधा में है; यह दिन स्कंद सष्टी के नाम से प्रसिद्ध है और उस दिन स्कंदमाता / कार्तिकेय या शिव / शनि की पूजा करना अनुकूल है।
28 सितंबर को चंद्रमा अब भी वृश्चिक में रहेगा, नक्षत्र ज्येष्ठा रहेगा; यह दिन नवरात्रि की षष्ठी है, जिसमें काल प्रारंभ, बिल्व निमंत्रण और देवी दुर्गा की पूजा की परंपरा है।
विशेष – दोनों दिनों में राहुकाल, यमघंट आदि दोष कालों से बचना चाहिए — बुधवार, दोपहर और सुबह के अनुपयुक्त काल से बचकर ही शुभ कार्य प्रारंभ करें।
यह निर्णय आप अच्छे जानकार से लेकर कर सकते किसी प्रकार का अंतिम निर्णय न माने।

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