
नई दिल्ली(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान कथित “वोट चोरी” के आरोपों के खिलाफ सोमवार को संसद से चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें संसद परिसर से बाहर निकलने से पहले ही रोक दिया। इस दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, संजय राउत, सागरिका घोष सहित कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया गया।
मार्च में शामिल नेताओं का कहना था कि वे चुनाव आयोग को एसआईआर के खिलाफ एक दस्तावेज सौंपना चाहते थे, लेकिन सरकार ने उन्हें रोक दिया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “हकीकत यह है कि हम अपनी बात नहीं कह सकते। यह लड़ाई राजनीतिक नहीं, बल्कि संविधान बचाने की है। यह एक व्यक्ति, एक वोट के अधिकार की लड़ाई है। हम साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहते हैं।”
प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर हमला करते हुए कहा, “हिम्मत हुई है। सरकार कायर है।” वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “जब तक लोगों के मन में चुनावों की निष्पक्षता को लेकर संदेह है, तब तक चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को नुकसान होता रहेगा। इन संदेहों को दूर करने में ही आयोग का हित है।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बताया कि उन्होंने चुनाव आयोग को पहले ही पत्र लिखकर शांतिपूर्ण मार्च की जानकारी दी थी, लेकिन आयोग ने जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, “हम चाहते थे कि सभी विपक्षी सांसद सामूहिक रूप से दस्तावेज सौंपें, लेकिन अब वे कह रहे हैं कि केवल 30 सांसद ही आ सकते हैं। हमें यहीं रोक दिया गया है और चुनाव आयोग तक नहीं जाने दिया जा रहा।”
पुलिस द्वारा रोके जाने और नेताओं को हिरासत में लेने के बाद इंडिया ब्लॉक सांसदों ने आरोप लगाया कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है और सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
फोटो सौजन्य से ANI
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