कृष्णा राव पार्क में सजी भव्य दुर्गा पूजा, बंगाली परंपरा और कला का अनूठा संगम – प्रधानमंत्री मोदी का नवरात्रि व्रत बना चर्चा का विषय
नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)दिल्ली का सीआर पार्क (कृष्णा राव पार्क) हर साल दुर्गा पूजा के मौके पर धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सवों का केंद्र बन जाता है। इस वर्ष भी नवरात्रि और अष्टमी के अवसर पर पूरा क्षेत्र आकर्षक पंडालों, जगमगाती रोशनी, भव्य प्रतिमाओं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से जीवंत हो उठा।
सीआर पार्क को राजधानी का “लघु कोलकाता” भी कहा जाता है, जहां बंगाली समाज दशकों से अपनी परंपराओं के साथ दुर्गा पूजा का आयोजन करता आ रहा है। यहां पूजा-पाठ के साथ-साथ सामाजिक संवाद, कला-संस्कृति और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां मिलकर इसे एक अद्वितीय उत्सव बना देती हैं। रंगीन पंडाल, शिल्पकला से सजी प्रतिमाएं और सांस्कृतिक मंचन—सब मिलकर इसे राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाते हैं।
इस वर्ष का उत्सव और भी खास रहा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नवरात्रि व्रत एक बार फिर चर्चा में रहा। प्रधानमंत्री प्रतिवर्ष नवरात्रि पर कठिन व्रत रखते हैं और इस दौरान सिर्फ गर्म पानी का सेवन करते हैं। यह अनुशासन न केवल उनके आत्मसंयम और धार्मिक निष्ठा का प्रतीक है, बल्कि जनता के लिए प्रेरणादायक भी है। पूजा-अर्चना और ध्यान के साथ-साथ वे प्रशासनिक कार्यों में सक्रिय रहते हैं, जिससे यह संदेश मिलता है कि आस्था और सार्वजनिक जिम्मेदारी का संतुलन कैसे साधा जा सकता है।
सीआर पार्क दुर्गा पूजा अब केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि दिल्ली की सांस्कृतिक पहचान बन चुकी है। प्रधानमंत्री का मंदिर में आगमन इस आयोजन की गरिमा को और बढ़ा गया। साथ ही, इस अवसर ने यह स्पष्ट कर दिया कि त्योहारों के दौरान धार्मिक उत्सव, सामाजिक जीवन और सुरक्षा व्यवस्था के बीच संतुलन बनाए रखना कितना आवश्यक है।
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