Friday, November 21, 2025
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“इतिहास के स्वर्णाक्षरों में दर्ज 21 नवंबर: जन्मे महान व्यक्तित्वों की अमर गाथा”


भारत के इतिहास में 21 नवंबर का दिन कई महान विभूतियों के जन्म का साक्षी रहा है। यह तिथि केवल कैलेंडर पर अंकित एक दिन भर नहीं, बल्कि विविध प्रतिभाओं, अदम्य साहस, राष्ट्रसेवा और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है। इस दिन जन्म लेने वाले अनेक व्यक्तित्वों ने राजनीति, साहित्य, खेल, स्वतंत्रता संग्राम और कला के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाकर समाज और राष्ट्र को नई दिशा दी। यह लेख उन अद्भुत व्यक्तियों को समर्पित है जिनके जीवन और कार्य आज भी हमें प्रेरणा प्रदान करते हैं।
भारत के गौरवशाली इतिहास में नायक यदुनाथ सिंह का नाम अपार साहस और बलिदान की मिसाल के रूप में अंकित है। 1916 को जन्मे यदुनाथ सिंह ने 1947 के इंडो–पाक युद्ध में अद्वितीय शौर्य प्रदर्शित किया। उनके साहसिक नेतृत्व और देशभक्ति को सम्मानित करते हुए उन्हें सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र प्रदान किया गया। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सच्चा देशप्रेम कभी मिटता नहीं, बल्कि पीढ़ियों को प्रेरित करता रहता है।

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इसी दिन 1914 को जन्मी उज्ज्वला मजूमदार भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की प्रमुख महिला क्रांतिकारियों में से एक थीं। उन्होंने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध अदम्य साहस के साथ संघर्ष किया। देश की आज़ादी में महिलाओं की भूमिका को रौशन करने वाली उज्ज्वला मजूमदार आज भी वीरता और संकल्प का मानक हैं।
हिन्दी साहित्य जगत में विशिष्ट स्थान रखने वाले ज्ञानरंजन, जिनका जन्म 1931 में हुआ, ने अपनी उत्कृष्ट कथाओं और विश्लेषणात्मक शैली से साहित्य को नई दिशा दी। उनकी लेखनी गहन सामाजिक यथार्थ को संवेदनशीलता के साथ सामने लाती है।
कला के क्षेत्र में 21 नवंबर का दिन ख्यात अभिनेत्री और नर्तकी हेलन के जन्म का भी उत्सव है। 1938 में जन्मी हेलन ने भारतीय सिनेमा को अद्वितीय नृत्य शैली, दमदार भूमिकाओं और करिश्माई व्यक्तित्व से समृद्ध किया। उनका नाम बॉलीवुड की सबसे चमकदार और प्रभावशाली कलाकारों में गिना जाता है।

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राजनीति के क्षेत्र में आनंदीबेन पटेल, लोकनाथ मिश्रा, वी. संमुगनाथन, नरेशचंद्र सिंह और हरे कृष्ण मेहताब जैसे नेताओं ने अपनी सेवाओं से भारतीय लोकतंत्र को सुदृढ़ किया।
1941 में जन्मी आनंदीबेन पटेल गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं और प्रशासनिक कार्यशैली तथा नेतृत्व का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।
1922 में जन्मे लोकनाथ मिश्रा ने अरुणाचल प्रदेश और असम के राज्यपाल के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
1949 में जन्मे वी. संमुगनाथन ने तीन राज्यों—मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर—के राज्यपाल के रूप में प्रशासन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
1908 में जन्मे नरेशचंद्र सिंह मध्य प्रदेश के छठे मुख्यमंत्री रहे और प्रदेश की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
1899 में जन्मे हरे कृष्ण मेहताब आधुनिक उड़ीसा के प्रमुख निर्माताओं में से एक थे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी रहे।

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भारत की संस्कृति और वीर परंपरा को अपने लेखन और काव्य द्वारा अमर बनाने वाले केसरी सिंह बारहट, जिनका जन्म 1872 में हुआ, राजस्थानी साहित्य और स्वतंत्रता संग्राम की महान धरोहर हैं। उनका काव्य जन-जन में राष्ट्रभक्ति की ज्वाला प्रज्वलित करता रहा।
खेल जगत में भी 21 नवंबर ने भारत को प्रतिभा दी है। 2002 में जन्मे भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान नवीन मलिक ने कुश्ती में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर देश को गौरवान्वित किया है।
इन सभी महान व्यक्तित्वों का जीवन भारत की विविधता, समृद्ध परंपरा और अदम्य साहस का दर्पण है। 21 नवंबर का दिन हमें याद दिलाता है कि राष्ट्रनिर्माण का हर क्षेत्र—चाहे वह साहित्य हो, राजनीति, कला, खेल या स्वतंत्रता संग्राम—असाधारण व्यक्तियों की बदौलत ही उज्ज्वल बनता है। उनका योगदान समय की सीमाओं से परे जाकर नई पीढ़ियों को प्रेरणा देता है।

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