February 12, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

महंगाई चरम पर नियंत्रण करने के लिए कोई कारगर कदम नहीं कब रुकेगी महंगाई

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)आवश्यक वस्तुओं की कीमत में निरंतर वृद्धि से मध्यम वर्गीय परिवार अपनी पसंद की सामग्री खरीदने में असमर्थ है सरकारी पुलिंदा का वादा सिर्फ छलावा के लिए करती रहती हैं महंगाई पर रोक लगाने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाती जिससे गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार का हाल बेहाल हो जाता है।
पेट्रोल डीजल की कीमत कहाँ से कहाँ पहुँच गयी है और अभी भी हर दिन बढ़ती जा रही है ऐसे बहुत से गरीब लोग है जिनको महंगाई के कारण अपने परिवार का गुज़ारा में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।


*गरीब मध्यम वर्गीय परिवार महंगाई से त्रस्त*


महंगाई की इस मार ने लोगों को हर तरफ से जकड़ रखा है एक मध्यम वर्गीय परिवार के लोगों की पूरी तनख्वाह एक हाथ में आती है और दूसरे हाथ से चली जाती है वो भविष्य के लिए बचत नहीं कर पाते कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहने के बाद भी डीजल पेट्रोल के दाम प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं 108 पेट्रोल डीजल 99 पहुंच गए जिससे यात्रा भाड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है पिछले वर्ष सरसों का तेल 100 से नीचे था इस वर्ष नवंबर के पहले दिन आज 190 से ऊपर पहुंच गया पिछले वर्ष फार्च्यून 70 से नीचे था इस वर्ष नवंबर के पहले दिन 150 से ऊपर पहुंच गया पिछले वर्ष आलू 15 के आसपास था आज आलू नवंबर के पहले दिन 30 प्याज 50 हरी सब्जियां 60 से ऊपर के कीमतों पर बिक रही हैं लेकिन राजनीतिक पार्टियां व सरकारें अपनी गोटियां बिछाने पर लगी हुई हैं कि 2022 में सरकार कैसे बनाएंगे जनता को अपने भाग्य भरोसे पर छोड़ दिया गया हैं हर तरफ लूट मची हुई है जिसको जो मर्जी आ रहा है उस रेट पर वस्तुओं को बेच रहा है लेकिन लगाम लगाने वाला कोई नहीं है केवल वादे पर वादा किया जा रहा है कि यह किया वह किया जनता भी देख रही है कि कौन क्या किया जब तक महंगाई पर लगाम नहीं लगेगा गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार खुशहाल अपना जीवन व्यतीत नहीं करेगा कोई कुछ भी कर ले सब बेकार है अब वादा से काम नहीं चलेगा गरीब मध्यम वर्गीय परिवार अब महंगाई पर पूर्ण रूप से लगाम लगाना खोज रही है।
कोरोना वायरस महामारी के कारण सभी प्रकार के व्यापार को नुकसान पहुंचा कितनों की रोजी-रोटी चली गई नौकरी से निकाल दिए गए अर्थव्यवस्था डगमगा गयी जिसके परिणामस्वरूप सरकार ने गरीब महिलाओं को मुफ्त में गैस कनेक्शन दिए थे आज उन्ही महिलाओं के पास सिलेंडर भरवाने के पैसे नहीं है क्योंकि गैस सिलेंडर के भाव आज आसमान छू रहे है 975 में गैस सिलेंडर खरीदने पर मजबूर हैं।
इस बढ़ती महंगाई के विषय में जब भी सरकार से सवाल किये जाते है सरकार मुँह फेर लेती है विपक्षी पार्टियां सत्ताधारी पार्टी की सरकार पर निशाने साधती है लेकिन जब यही विपक्षी पार्टियां सत्ता में आती है तो वो महंगाई की इस समस्या के सवालों से भागने का ही प्रयास करती है इस प्रकार से सरकार चलाने वाले लोग आम नागरिक के साथ खेलते रहते है

*महंगाई बढ़ने के कारण*


इस बढ़ती कमरतोड़ महंगाई का कोई एक कारण नहीं है बल्की बहुत से कारण मौजूद है भ्रष्टाचार बहुत फ़ैल चूका है एक व्यापरी कम कीमतों पर सामान ख़रीदता है और उसका भण्डारण कर लेता है फिर जब बाजार में उस वस्तु की आवक कम होने लगती है तब वो उस वस्तु का मूल्य अपनी इच्छा अनुसार बढा कर बेचता है जिसकी मार आम जनता को झेलनी पढ़ती है इसको नियंत्रण कौन करेगा।
मौसम की मार से हर किसान परेशान है कभी बाढ़ आ जाती है तो कभी सूखा पड़ने से फसल ख़त्म हो जाती है तो कभी बेमौसम बरसात होने से फसलें खेतों में सड़ जाती हैं सरकारी मुआवजा के नाम पर केवल किसानों को लॉलीपॉप दे देती हैं मौवाजा ईतना देती है सरकार कि एक बार की जुताई का पैसा भी नहीं निकल पाता है तो वह किसान अपने परिवार का जीवकोपार्जन कैसे करेगा और नाम हो जाता है कि किसानों को मुआवजा दिया गया यह किसानों के साथ छलावा कब तक चलेगा और दूसरी तरफ
बाजार में खाने की वस्तुओं की कीमते अपने आप बढ़ जाती है मौसम और महंगाई की मार से गरीब किसान अपने परिवार का खर्च भी नहीं चला पा रहा है।


महंगाई को कम करने के लिए सरकार को महंगाई बढ़ने के कारणों को ध्यान में रखकर कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है सबसे पहले भ्रष्टाचार को जड़ से ख़त्म करना होगा इसके लिए सरकार को सख्त कानून बनाने चाहिए ताकि कोई भी व्यापारी आवशयक वस्तुओं का भण्डारण न कर सके जो भी व्यापारी ऐसा करता है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
सरकार को किसानों के लिए लोन, सिंचाई और खेती के उपयोग में आने वाली अन्य सामग्री को उपलब्ध कराना चाहिए ताकि समय पर फसल को पानी मिल सके और फसल नष्ट न हो फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए किसान उचित संसाधन मुहैया कराये जाने चाहिए केवल कागजो में दिखावा नही करना चाहिए सरकार को।


महंगाई बहुत बड़ी समस्या है गरीब और कुछ मध्यम वर्ग के लोगों के लिए पहनने के लिए कपडे खरीदना भी मुश्किल हो रहा है सोने और चाँदी के भाव इतने बढ़ चुके है कि लोग अपने बच्चों की शादी कराने से भी परेशान है कहीं सफर करने के बारे में भी चार बार सोचना पड़ता है। जिम्मेदारों को महंगाई पर काबू करने के लिए कारगर कदम उठाने चाहिए जिससे गरीब परिवार अपना खुशहाल जीवन व्यतीत कर सके।