लाल किले पर पीएम को तिरंगा फहराने से रोकने का किया था एलान
नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अमेरिका में रह रहे खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ एक और बड़ा मामला दर्ज किया है। इस बार पन्नू पर आरोप है कि उसने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने से रोकने के लिए इनाम की घोषणा की थी।
एनआईए की प्राथमिकी के अनुसार, 10 अगस्त को पाकिस्तान के लाहौर प्रेस क्लब में आयोजित “मीट द प्रेस” कार्यक्रम के दौरान पन्नू ने भड़काऊ भाषण दिया और भारत के खिलाफ सिखों में असंतोष फैलाने की साजिश रची। इसी दौरान उसने एक वीडियो संदेश में उन सिख सैनिकों को 11 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया, जो 15 अगस्त को लाल किले पर प्रधानमंत्री को तिरंगा फहराने से रोकेंगे।
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एफआईआर में यह भी दर्ज है कि पन्नू ने लाहौर प्रेस क्लब में एक कथित “नए खालिस्तान” का नक्शा जारी किया, जिसमें पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश को शामिल बताया गया। इतना ही नहीं, उसने दावा किया कि एसएफजे ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए “शहीद जत्था” नामक एक संगठन भी बनाया है।
एनआईए ने यह मामला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की कई धाराओं के तहत दर्ज किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर दर्ज की गई इस प्राथमिकी में गुरपतवंत सिंह पन्नू के अलावा अन्य अज्ञात व्यक्तियों का नाम भी शामिल है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि पन्नू लगातार भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के खिलाफ साजिश रच रहा है। उसके हालिया बयानों का मकसद खालिस्तान की विचारधारा को बढ़ावा देना और भारत विरोधी गतिविधियों को भड़काना है। एनआईए अब इस मामले की गहन जांच कर रही है।