काठमांडू,(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) नेपाल में जारी राजनीतिक संकट लगातार गहराता जा रहा है। राजधानी काठमांडू और उसके आसपास विरोध प्रदर्शनों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोशल मीडिया पर लगाए गए बैन के विरोध से शुरू हुआ आंदोलन अब प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफ़े तक पहुँच चुका है।

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ओली ने आज अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल और गृह मंत्री रमेश लेखक भी इस्तीफ़ा दे चुके हैं। बताया जा रहा है कि ओली दुबई जाने की तैयारी में हैं।

✈️ हवाई अड्डे पर उथल-पुथल काठमांडू का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा विरोध प्रदर्शनों की वजह से अव्यवस्था का केंद्र बन गया है। प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया के जरिए अपील की है कि हवाई अड्डे के पास पटाखे और ड्रोन का इस्तेमाल करके विमानों को उड़ान भरने से रोका जाए। यहां तक कि प्रदर्शनकारी उड़ते हुए विमानों की ओर लेज़र लाइट दागने की भी योजना बना रहे हैं, जिससे लैंडिंग और टेक-ऑफ़ बेहद मुश्किल हो गया है।

भैसेपाटी मंत्री आवास से दर्जन भर हेलिकॉप्टर हवाई अड्डे की ओर उड़ान भर चुके हैं। इनमें से कुछ हेलिकॉप्टरों में सुरक्षा बल और कुछ में नेताओं के परिवारों को ले जाने की सूचना है।

✈️ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर असर इस संकट का असर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी पड़ा है। दिल्ली से काठमांडू जा रही इंडिगो की उड़ान 6E1153 और मुंबई से काठमांडू जा रही 6E1157 को उतरने की अनुमति नहीं मिली और उन्हें लखनऊ डायवर्ट करना पड़ा। ईंधन भरने के बाद दोनों उड़ानें अपने-अपने मूल शहरों को लौट जाएंगी, क्योंकि आज काठमांडू के लिए कोई उड़ान संचालन संभव नहीं है। एयर इंडिया की उड़ानें भी काठमांडू एयरपोर्ट पर लैंडिंग के लिए इंतज़ार करती रहीं।

हिमालय एयरलाइंस का एयरबस 319—जिसका इस्तेमाल ओली ने बीजिंग यात्रा में किया था—भी इस समय हवाई अड्डे पर फंसा हुआ है।

⚠️ प्रदर्शन और जनहानि अब तक 19 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल हैं। राजधानी के अलावा पोखरा, विराटनगर और चितवन जैसे शहरों में भी प्रदर्शन जारी हैं।

नेपाल का यह राजनीतिक संकट एक बार फिर दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। आने वाले दिनों में नेपाल की राजनीति किस दिशा में जाएगी, यह देखना अहम होगा।