Thursday, October 16, 2025
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रिश्तों में लापरवाही महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ सकती है भारी

नई दिल्ली(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) क्या आपके रिश्ते में प्यार, अपनापन और सपोर्ट की कमी है? क्या आपका पार्टनर आपकी छोटी-छोटी जरूरतों को नजरअंदाज करता है? अक्सर यह बातें मामूली लगती हैं, लेकिन असल में यह महिलाओं के स्वास्थ्य पर साइलेंट अटैक की तरह असर डालती हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक रिश्तों में भावनात्मक उपेक्षा और तनाव महिलाओं को कई गंभीर बीमारियों की ओर धकेल सकता है।थायराइड डिसफंक्शन जब पुरुष पार्टनर के साथ पर्याप्त समय नहीं बिताते, भावनात्मक सपोर्ट नहीं देते और घरेलू जिम्मेदारियों में हाथ नहीं बंटाते, तो महिलाओं पर काम और तनाव का बोझ बढ़ जाता है। यह तनाव सीधे तौर पर थायराइड ग्लैंड को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में थकान, बाल झड़ना, मूड स्विंग्स और वजन का असामान्य घटना-बढ़ना शामिल है।पीसीओएस और अनियमित पीरियड्स तनाव और खराब लाइफस्टाइल हार्मोनल असंतुलन की बड़ी वजह है। पुरुषों की अनदेखी के कारण महिलाओं को आराम और सहयोग नहीं मिलता, जिससे तनाव बढ़कर इंसुलिन रेजिस्टेंस और एण्ड्रोजन लेवल बढ़ाता है। परिणामस्वरूप पीसीओएस और अनियमित पीरियड्स की समस्या उत्पन्न होती है।क्रॉनिक फटीग और फाइब्रोमायल्जि घर-परिवार और काम का बोझ अकेले उठाने वाली महिलाओं में लगातार थकान और शरीर दर्द की शिकायत आम हो जाती है। तनाव नींद की कमी और मांसपेशियों में दर्द की वजह बनता है, जिससे क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम और फाइब्रोमायल्जिया जैसी बीमारियां जन्म लेती हैं। बिंज ईटिंग और पेट संबंधी समस्याएं अकेलापन और भावनात्मक उपेक्षा से महिलाएं बिंज ईटिंग का शिकार हो जाती हैं। यह मोटापा, एसिडिटी, कब्ज और आईबीएस (Irritable Bowel Syndrome) जैसी पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बनता है। एंग्जायटी, पैनिक अटैक और हार्मोनल असंतुलन भावनात्मक सहयोग न मिलने से महिलाएं लंबे समय तक तनाव में रहती हैं। इससे कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) का स्तर बढ़ता है, जो मासिक धर्म चक्र को प्रभावित करता है और मूड स्विंग्स का कारण बनता है। कई बार यह स्थिति पैनिक अटैक और डिप्रेशन तक ले जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर रिश्तों में आपसी समझ, प्यार और सहयोग बना रहे, तो न केवल रिश्ते मजबूत होते हैं बल्कि महिलाओं का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहता है।

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