March 14, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

मेरी कविता : शांत स्वभाव की स्थिरता

जल जैसे शांत व स्थिर होता है
वैसे ही सहृदय शान्त हम हो पायें,
जल की ही भाँति इंसान जिससे
मिले उसी के रंग में रंग जाये।

शांत स्वभाव व धैर्य शीलता में
कभी कभी मुश्किलें बहुत आती हैं,
लेकिन इन्ही मुश्किलों को हल
करके हम श्रेष्ठ प्राप्त कर पाते हैं।

स्थिर शांत स्वभाव मानव का
अनुपम दिव्यशक्ति होता है,
ऐसा इंसान सधी प्रतिक्रिया देकर
व्यक्तिगत नहीं कुछ भी लेता है।

सच्चे व्यक्ति सदा स्पष्टमना
और हृदय से सच्चे होते हैं,
उनका रिश्ता भी सच्चा पक्का
और सदैव सरल सुदृढ़ होता है।

हीरा चमकीला पर कठोर जितना
होता है, वैसे ही चमक और कठोर,
रहकर औरों को खुद से खिलवाड़
करने का कभी न दें कोई अवसर।

बहुत ख़ूबसूरत होते हैं वो पल,
जब जिगरी दोस्त साथ होते हैं,
उससे ज़्यादा सुंदर वो लमहे, जब
दूर के दोस्त बहुत याद आते हैं।

दुनिया में अवसर मिलते हैं कुछ
नया और कुछ हटकर करने का,
पहले जैसी त्रुटि क्यों दोहरायें,
एक नयी कहानी लिख डालें।

जब लोगों की परीक्षा लेनी हो
तो उनसे दूर दूर जाना होगा,
पर उन्हें समझने की कोशिश
करना उनसे नज़दीकी ला देगा।

इसलिए इम्तिहान नहीं करना
उसे समझना ही अच्छा होगा,
आदित्य समझने की आदत से
प्रेम बढ़ेगा, रिश्ता भी स्थिर होगा।

कर्नल आदि शंकर मिश्र, आदित्य