Tuesday, December 23, 2025
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मोहर्रम का मातमी जुलूस श्रद्धा और अकीदत के साथ संपन्न, दुलदुल घोड़ा बना आकर्षण का केंद्र


बलिया (राष्ट्र की परम्परा) इस्लाम धर्म के इतिहास में करबला की घटना को याद करते हुए हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाने वाला मोहर्रम का पर्व रविवार को पूरे जनपद बलिया, विशेषकर सिकंदरपुर नगर में श्रद्धा, अकीदत और परंपरा के साथ संपन्न हुआ। नगर के विभिन्न मोहल्लों से निकले ताजियों के जुलूसों ने माहौल को पूरी तरह गमगीन और भावुक बना दिया।

रविवार की देर रात तक चले इस मातमी आयोजन का समापन कर्बला मैदान में ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक करने के साथ किया गया। इस दौरान नौहाख्वानों द्वारा पढ़े गए नौहे और मर्सिये हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों की कुर्बानी की गवाही देते रहे। जुलूस में मातम कर रहे अकीदतमंदों की आंखें अश्रुपूरित थीं और चारों ओर एक गहरे भावनात्मक माहौल का दृश्य उपस्थित था।

नगर के मोहल्लों से निकले ताजिए
मिल्की, डोमनपुरा, भिखपुरा, इद्रिसिया, गंधी, लीलकर, चेतन किशोर, चांदनी चौक, हाशमी चौक सहित नगर के अनेक मोहल्लों से ताजियों के साथ भारी संख्या में लोग जुलूस में शामिल हुए। हर ताजिया अपने-अपने अंदाज़ में सजाया गया था और जुलूस में शामिल अकीदतमंद पूरी आस्था और सम्मान के साथ चल रहे थे।

अखाड़ों की प्रस्तुति ने बढ़ाया जोश
मातमी जुलूस के साथ चल रहे स्थानीय अखाड़ों के खिलाड़ियों ने परंपरागत अस्त्र-शस्त्र कलाओं का शानदार प्रदर्शन किया। लाठी और तलवारबाज़ी के करतबों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। युवाओं की चुस्ती और पारंपरिक युद्ध कलाओं की जीवंत प्रस्तुति ने लोगों की खूब तालियां बटोरीं।

प्रशासन रहा मुस्तैद
जुलूस के दौरान शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। उपजिलाधिकारी सुनील कुमार, क्षेत्राधिकारी रजनीश कुमार यादव, थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह और चौकी प्रभारी ज्ञानप्रकाश तिवारी अपने-अपने दल के साथ पूरी संवेदनशीलता और सतर्कता से ड्यूटी में तैनात रहे। जुलूस मार्ग पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी जिससे कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हो सका।

आकर्षण का केंद्र रहा ‘दुलदुल’ घोड़ा
भिखपुरा मोहल्ले से निकले ताजिए के साथ चल रहा पारंपरिक रूप से सजाया गया ‘दुलदुल’ घोड़ा विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। सफेद झिलमिल करती सजावट में लिपटा यह प्रतीकात्मक घोड़ा बच्चों के लिए कौतूहल का विषय बना रहा। बच्चे उसके पास जाकर उसे छूते और उत्साहपूर्वक उसकी तस्वीरें खींचते दिखे। कई लोगों ने घोड़े के साथ सेल्फी भी ली और इस दृश्य को कैमरे में कैद कर यादगार बनाया।

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